समुद्र किनारे पेड़ों के बीच कलाकृति की तरह आ रही असदुद्दीन ओवैसी की यह तस्वीर वास्तविक नहीं,बल्कि एआई क्रिएटेड है, जिसे स्टेबल डिफ्यूजन की मदद से तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एआईएमआईएम प्रेसिडेंट असदुद्दीन ओवैसी की एक तस्वीर को शेयर किया जा रहा है, जो किसी कलाकृति की तरह नजर आ रही है। वायरल पोस्ट में समुद्र किनारे पेड़ों के बीच ओवैसी की उभरती हुई तस्वीर नजर आ रही है।
सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर को वास्तविक तस्वीर समझते हुए शेयर कर रहे हैं। हमने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड है। इससे पहले भी अलग-अलग नेताओं की ऐसी तस्वीर को सोशल मीडिया यूजर्स सही समझ कर शेयर करते रहे हैं, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Faizan Aimim daryapur’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है, जिसे 34 हजार से अधिक लोग लाइक कर चुके हैं।
ऐसी मिलती-जुलती तस्वीर की विश्वास न्यूज पहले भी जांच कर चुका है, जो एआई से बनाई गई साबित हुई थीं। इससे पहले राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की ऐसी ही तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया गया था, जो वास्तव में एआई से तैयार की गई थी। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां और यहां देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना को हमने एआई डिटेक्टर टूल की मदद से चेक किया, जिसमें इसके एआई से बने होने की संभावना 100 फीसदी है।
नतीजों के मुताबिक, इस तस्वीर को स्टेबल डिफ्यूजन की मदद से तैयार किए जाने की संभावना सबसे ज्यादा है। stablediffusionweb.com टेक्स्ट टू इमेज डिफ्यूजन मॉडल है, जो टेक्स्ट इनपुट के आधार पर एआई इमेज को तैयार करता है।
एआई पर काम करने वाले अभिजीत पराशर ने बताया, “यह एआई क्रिएटेड तस्वीर है।” उन्होंने बताया कि यह स्टेबल डिफ्यूजन की मदद से तैयार की गई तस्वीर है, जहां प्रॉम्प्ट की मदद से ऐसी तस्वीरों को बनाया जा सकता है।”
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली एआई क्रिएटेड तस्वीरों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
कुछ दिनों पहले एआई की मदद से बनाए गए टीवी पत्रकार रवीश कुमार का डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए देखा जा सकता था। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब चार हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: समुद्र किनारे पेड़ों के बीच कलाकृति की तरह आ रही असदुद्दीन ओवैसी की यह तस्वीर वास्तविक नहीं,बल्कि एआई क्रिएटेड है, जिसे स्टेबल डिफ्यूजन की मदद से तैयार किया गया है।
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