विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला। तस्वीर में दिख रही लड़की 14 वर्षीय स्कूल छात्र है, जिसे महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन के लिए जिला पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) बनाया गया था। यह बच्ची IPS अधिकारी नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (नंबर +91 95992 99372) पर फैक्ट चेकिंग के लिए एक यूजर ने एक तस्वीर भेजी जिसमें हिजाब पहने हुए एक लड़की कुर्सी पर बैठी हुई है और उसके आसपास पुलिसकर्मी खड़े हैं। इस तस्वीर के साथ दावा किया गया कि यह उर्दू मीडियम से महाराष्ट्र मे SP बनी पहली मुस्लिम महिला है। विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय हमने पाया था कि यह दावा झूठा है। तस्वीर में दिख रही लड़की 14 वर्षीय स्कूल छात्रा थी, जिसे महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में एक दिन के लिए डीएसपी बनाया गया था। यह बच्ची IPS अधिकारी नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल?
यह पोस्ट विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (नंबर +91 95992 99372) पर एक यूजर ने वेरिफिकेशन के लिये भेजी थी। ढूंढ़ने पर हमने पाया कि यह पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल है।
फेसबुक पर Sanjay Pandey नाम के एक यूजर ने इस तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया है।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ को The Times of India के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल द्वारा 5 मार्च 2020 अपलोड एक वीडियो मिला जिसमें वायरल तस्वीर की झलकियां थीं। वीडियो का टाइटल था, “Women’s Day: 14-year-old girl becomes DSP ‘for a day’ in Maharashtra’s Buldhana” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “महिला दिवस: महाराष्ट्र के बुलढाणा में 14 साल की लड़की एक दिन के लिए ‘डीएसपी’ बनी।” वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि यह बच्ची जिला परिषद उरुद हाईस्कूल मलकापुर तहसील में पढ़ने वाली छात्रा साहरिश कंवल है, जिसने एक दिन के लिए डीएसपी के रूप में पदभार संभाला था।
इस विषय में हमने बुलढाणा के एसपी दिलीप भुजबल से भी बात की थी। उन्होंने हमें बताया था, “तस्वीर में दिख रही लड़की जिला परिषद उरुद हाईस्कूल मलकापुर तहसील की छात्रा है, जिसने एक दिन के लिए डीएसपी के रूप में पदभार संभाला था। यह बच्ची IPS अधिकारी नहीं थी। इस पहल से लड़कियों को प्रशासन के कामकाज का अनुभव करने और अन्य मुद्दों का समाधान करने का अवसर मिला। यह कार्यक्रम ज़िले के सभी ताल्लुकों में 2 मार्च से 8 मार्च तक चलाया गया था जहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले जिला परिषद और सरकारी स्कूलों की बच्चियों को एक दिन के लिए अलग-अलग प्रशासनिक पदों का अनुभव दिया गया था।”
इसके बाण हमने इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Sanjay Pandey की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश के कानपूर का रहने वाला है और उसके फेसबुक पर 4,989 फ़ॉलोअर्स हैं।
पूरी पड़ताल यहाँ पढ़ें।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला। तस्वीर में दिख रही लड़की 14 वर्षीय स्कूल छात्र है, जिसे महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक दिन के लिए जिला पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) बनाया गया था। यह बच्ची IPS अधिकारी नहीं है।
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