Fact Check: इस बच्ची को कुछ घंटे बाद ही अपने परिवार से मिलवा दिया गया था, 2016 की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल

विश्वास टीम ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा झूठा है। दरअसल यह तस्वीर 2016 की है और यह बच्ची नागपुर रेलवे प्लेटफॉर्म पर खो गई थी। उसी समय रेलवे पुलिस ने बच्ची की तस्वीर फेसबुक और वॉट्सऐप पर साझा की। तस्वीर वायरल होने के 20 मिनट के भीतर अधिकारी इस बच्ची की मां और रिश्तेदारों का पता लगाने में सक्षम रहे थे, और इसे उसके परिवार को सौंप दिया गया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक रोती हुई छोटी बच्ची को एक महिला रेलवे पुलिस कर्मचारी के साथ देखा जा सकता है। पोस्ट में लोगों से अपील की जा रही है कि यह लड़की अपनों से अलग हो गई है, उसे उसके परिवार से दोबारा मिलाने में मदद करें। लोग फेसबुक पर पोस्ट अपलोड कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं, “ये बिटिया मुंबई से आने वाली ट्रेन में बरेली में मिली है सोनल पटेल नाम है आगे भेजे ताकि अपने माँ बाप से मिल सके।” विश्वास टीम ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा झूठा है। यह तस्वीर दरअसल 2016 की है और यह बच्ची नागपुर रेलवे प्लेटफॉर्म पर खो गई थी। जल्द ही, उसकी तस्वीर फेसबुक पर वायरल हो गई और वॉट्सऐप पर बड़े पैमाने पर साझा की गई। तस्वीर वायरल होने के 20 मिनट के भीतर अधिकारी इस बच्ची की मां और रिश्तेदारों का पता लगाने में सक्षम रहे थे और इसे उसके परिवार को सौंप दिया गया था।

वायरल पोस्ट में क्या है

हमें यह दावा चेक करने के लिए हमारे चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर मिला। ढूंढ़ने पर हमने पाया कि दावा फेसबुक पर भी काफी वायरल है। पोस्ट में तस्वीर के साथ लिखा है, “ये बिटिया मुंबई से आने वाली ट्रेन में बरेली में मिली है। इसका नाम सोनल पटेल है कृपिया अपनी बेटी समझ। कर plz आगे शेयर करें जिसकी है उसको मिल जाय। ये प्रार्थना भी करें। कर भला तो हो भला।”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें यह तस्वीर indianexpress.com की 2016 की एक खबर में मिली। खबर के अनुसार, “a photo of four-year-old Avani Jain with a Railway Police official stating how she had got lost at the Nagpur railway platform was shared by railways on WhatsApp and Facebook within minutes of the girl getting lost. The photo showed the girl holding a lady railway police official’s hand. Soon, the photo was shared by one of the officials and it spread to nearly 200 whatsapp groups within minutes. In 20 minutes of the picture going viral, the girl, who was travelling with her mother and family from Nagpur to Bhopal, with the help of the railway police, was reunited with her mother Sunaina Jain and relatives.”

“अनुवादित: नागपुर रेलवे प्लेटफॉर्म पर खो गई एक चार वर्षीय बच्ची अवनी जैन की रेलवे पुलिस के एक अधिकारी के साथ की एक तस्वीर रेलवे द्वारा वॉट्सऐप और फेसबुक पर लड़की के खो जाने के कुछ ही मिनटों में साझा की गई थी। फोटो में लड़की को एक महिला रेलवे पुलिस अधिकारी का हाथ पकड़े हुए दिखाया गया है। जल्द ही, तस्वीर को एक अधिकारी द्वारा साझा किया गया और यह मिनटों में लगभग 200 वॉट्सऐप समूहों में फैल गया। वायरल होने के 20 मिनट में रेलवे पुलिस की मदद से बच्ची को नागपुर से भोपाल जा रही अपनी मां सुनैना जैन और रिश्तेदारों से मिलवा दिया गया।”

हमने इस विषय में एएनआई के नागपुर कॉरेस्पॉन्डेंट सौरभ जोशी से बात की। उन्होंने कहा, “यह फोटो 2016 की है। लड़की अपने परिवार के साथ नागपुर से भोपाल जा रही थी। उसके लापता होने के बाद पुलिस ने उसका पता लगाया और उसे उसके परिवार से मिला दिया।”

अंत में विश्वास न्यूज ने फेसबुक पर पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Gajan Far की सोशल स्कैनिंग की। यूजर दिल्ली का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा झूठा है। दरअसल यह तस्वीर 2016 की है और यह बच्ची नागपुर रेलवे प्लेटफॉर्म पर खो गई थी। उसी समय रेलवे पुलिस ने बच्ची की तस्वीर फेसबुक और वॉट्सऐप पर साझा की। तस्वीर वायरल होने के 20 मिनट के भीतर अधिकारी इस बच्ची की मां और रिश्तेदारों का पता लगाने में सक्षम रहे थे, और इसे उसके परिवार को सौंप दिया गया था।

False
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