FACT CHECK: एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके बनाई गई तस्वीर को कुरुक्षेत्र का कंकाल बताकर किया जा रहा है वायरल

हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कंकाल असली नहीं है, बल्कि इसे एक फोटोशॉप आर्टिस्ट ने एक कॉम्पिटीशन के लिए बनाया था। इस कंकाल का कुरुक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बड़ा-सा कंकाल देखा जा सकता है। तस्वीर में कंकाल के साथ कुछ लोगों को उसकी पड़ताल करते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह कंकाल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई खुदाई में निकला है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कंकाल असली नहीं है, बल्कि इसे एक फोटोशॉप आर्टिस्ट ने एक कॉम्पिटीशन के लिए बनाया था। इस कंकाल का कुरुक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल फोटो में एक बड़ा-सा कंकाल देखा जा सकता है। तस्वीर में कंकाल के साथ कुछ लोगों को उसकी पड़ताल करते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह कंकाल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुई खुदाई में निकला है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है, “कुरूक्षेत्र के पास खुदाई करते समय विदेशी पुरातत्व विशेषज्ञों को एक 80 फुट की लम्बाई के मानव कंकाल के अवषेश मिले जो महाभारत के भीम के पुत्र घटोत्कच के वर्णन के समान है और हम भारत वासियों को महाभारत ही कहानी काल्पनीक लगती है इसे डिस्कवरी चैनल ने प्रसारित किया है!”

इस फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इंटरनेट पर ढूंढा कि क्या कुरुक्षेत्र में ऐसा कोई कंकाल मिला है। हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी हमें ऐसी कोई तस्वीर या जानकारी नहीं मिली।

इसके बाद हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस सर्च में हमारे हाथ designcrowd.com नाम की वेबसाइट का एक पेज लगा जहां इस तस्वीर को इस्तेमाल किया गया था। इस वेबसाइट के अनुसार, “एक अमेरिकन डिजाइनर व्हिटमथ57 ने 14 अगस्त, 2011 को ऑस्ट्रेलिया में एक बिजनेस डिजाइन प्रतियोगिता के लिए यह फोटोशॉप डिज़ाइन बनाया था। इस तस्वीर को प्रोजेक्ट ‘साइज मैटर्स 4’ के लिए डिजाइन किया गया था। इसे 5 में से 3 सितारों से सम्मानित किया गया था।”

इसकी पुष्टि के लिए हमने हरियाणा पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से संपर्क किया, जहां हमें आर्कियोलॉजिस्ट विनय कुमार ने बताया कि यह तस्वीर कुरुक्षेत्र की नहीं है।

इस पोस्ट को Pradeep Pathak नाम के एक फेसबुक यूजर ने 29 जून को शेयर किया था, जिसे इस खबर के लिखे जाने तक 550 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है। यूजर उत्तर प्रदेश के मथुरा में रहता है और फेसबुक पर इनके कुल 1,157 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कंकाल असली नहीं है, बल्कि इसे एक फोटोशॉप आर्टिस्ट ने एक कॉम्पिटीशन के लिए बनाया था। इस कंकाल का कुरुक्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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