Fact Check: लॉकडाउन के दौरान मंदिर में पुलिस की पिटाई का दावा फर्जी, रेसलिंग एंटरटेनमेंट वीडियो का एक हिस्सा गलत दावे से वायरल
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच मंदिर में पुलिस अधिकारी की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। वायरल हो रहा वीडियो रेसलिंग एंटरटेनमेंट वीडियो का एक हिस्सा है, जिसमें CWE के रेसलर और अन्य लोग नजर आ रहे हैं। वीडियो में पुलिस की वर्दी में नजर आ रहे पुलिसकर्मी रेसलर मनीष दुबे हैं, जो सिंघम दुबे के नाम से लोकप्रिय हैं।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Apr 3, 2020 at 02:11 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक पुलिस की वर्दी पहने एक युवक को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि पुलिसकर्मी मंदिर में लॉक डाउन के नियमों का पालन करने के लिए कह रहा था, लेकिन लोगों ने उसकी बात सुनने की बजाए उसकी पिटाई कर दी।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत और दुष्प्रचार निकला। मंदिर में पुलिसकर्मी की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एंटरटेनमेंट वीडियो है, जिसमें नजर आ रहे लोग रेसलर और कलाकार हैं।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Mufti Shahnawaz Khan Qasmi’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”मंदिर में पिटता कानून पुलिस वाले को केवल इसलिये पीटा गया, क्योंकि वो मंदिर में लोक डाउन के पालन को तोड़ने पर रोक लगा रहा था।।”
पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को करीब 11 हजार से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं, जबकि इसे 65 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। सोशल मीडिया पर सैकड़ों यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
(वायरल वीडियो का सामान्य और आर्काइव लिंक)
पड़ताल
वीडियो शेयर करने वाले यूजर्स की पोस्ट पर कई लोगों ने इसे फर्जी बताते हुए टिप्पणियां की हैं। एक यूजर (Mayukh Bhadra) ने टिप्पणी करते हुए बताया है, ‘यह भारतीय WWF है और जो आदमी इसमें नजर आ रहा है वह एक रेसलर (पहलवान) है।’
सर्च में हमें यू-ट्यूब पर ‘CWE’ नाम के वेरिफाइड चैनल पर पूरा वीडियो मिला, जिसके एक हिस्से को फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो 18 जून 2019 को अपलोड किया गया है। CWE यानी ‘Continental Wrestling Entertainment’ पहली भारतीय रेसलिंग इंटरटेनमेंट एकेडमी है।
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा हुआ है, ‘CWE…सिंघम दुबे ने पूजा के दौरान शास्त्री को रोका।’ वीडियो को देखने पर पता चलता है कि यह रेसलिंग एंटरटेनमेंट का वीडियो है, जिसमें रेसलर और कलाकार नजर आ रहे हैं।
इसी यू-ट्यूब चैनल पर 28 सितंबर 2018 को अपलोड किया हमें एक और वीडियो मिला, जिसमें उसी व्यक्ति को पुलिस की वर्दी में देखा जा सकता है, जो मंदिर वाले वीडियो में पुलिस के दावे के साथ नजर आ रहा है।
इन की-वर्ड के साथ सर्च करने पर हमें फेसबुक पर सिंघम दुबे (Singham Dubey) ने नाम से बना प्रोफाइल भी मिला, जिसमें वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी को भारतीय रेसलर खली के साथ देखा जा सकता है।
एडवांस सर्च में हमें फेसबुक पर ‘Manish Dubey Mantis Man’ के नाम से एक और प्रोफाइल मिला, जिसमें हमें वहीं सारे वीडियो और फोटो मिले, जो सिंघम दुबे की प्रोफाइल पर मौजूद है। ‘Manish Dubey Mantis Man’ की फेसबुक प्रोफाइल पर ‘सिंघम दुबे/Singham Dubey’ के इंस्टाग्राम प्रोफाइल का भी लिंक दिया गया है। यानी जो व्यक्ति सिंघम दुबे के नाम से मशहूर हैं, उनका असली नाम मनीष दुबे हैं और वह पेशे से रेसलर हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने मनीष दुबे से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में सिंघम दुबे के तौर पर नजर आ रहे व्यक्ति वहीं है और इस वीडियो का लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह जो वीडियो बनाया गया था, वह सीक्वल के लिए था और इसका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन था।’ दुबे ने बताया, ‘वीडियो में नजर आ रहे सभी लोग हमारे अपने आदमी हैं और इसका लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है।’
वायरल वीडियो शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को दारुल उलूम जकारिया में प्रोफेसर बताया है, जो देवबंद में रहते हैं। फेसबुक पर उन्हें करीब 1500 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच मंदिर में पुलिस अधिकारी की पिटाई के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। वायरल हो रहा वीडियो रेसलिंग एंटरटेनमेंट वीडियो का एक हिस्सा है, जिसमें CWE के रेसलर और अन्य लोग नजर आ रहे हैं। वीडियो में पुलिस की वर्दी में नजर आ रहे पुलिसकर्मी रेसलर मनीष दुबे हैं, जो सिंघम दुबे के नाम से लोकप्रिय हैं।
- Claim Review : लॉक डाउन पालन कराने गए पुलिसवाले की मंदिर में पिटाई
- Claimed By : FB user-Mufti Shahnawaz Khan Qasmi
- Fact Check : झूठ
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