Fact Check: यह भावनात्मक कहानी सही है, मगर इसका टोक्यो ओलंपिक्स से कोई लेना देना नहीं है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कहानी तो सही है मगर इसका टोक्यो ओलंपिक्स से कोई लेना देना नहीं है। यह घटना दिसंबर 2012 में स्पेन में हुई एक क्रॉस-कंट्री रेस की थी।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें दो एथलीट्स को एक रेसिंग ट्रैक पर देखा जा सकता है।

पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि टोक्यो ओलंपिक्स में केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौड़ते वक्त सबसे आगे होने के बावजूद अंतिम लाइन से पहले ही किसी कन्फ्यूजन के कारण रुक गए थे। पर उनके पीछे आनेवाले स्पेन के इव्हान फर्नांडिस ने इस मौके का फ़ायदा उठाने की बजाये उन्हें धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कहानी तो सही है मगर इसका टोक्यो ओलंपिक्स से कोई लेना देना नहीं है। यह घटना दिसंबर 2012 में स्पेन में हुई एक क्रॉस-कंट्री रेस की थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Jaigaon Student’s ने यह पोस्ट शेयर किया जिसमें तस्वीर के साथ लिखा गया है: सुप्रभात हमारे फेसबुक दोस्तों कोइसटोक्योओलम्पिककीमहानघटना* केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था,इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले #स्पेनकेइव्हान फर्नांडिस के ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझ नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए ।उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला ।आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया ।इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया ।पत्रकारों ने इव्हान से पूछा “तुमने ऐसा क्यों किया ?मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?” इव्हान ने कहा “मेरा सपना है कि #हमएकदिनऐसीमानवजातिबनाएंगेजोएक दूसरे को मदद करेगी ना कि उसकी भूल से फायदा उठाएगी।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।” पत्रकार ने फिर कहा “लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया ।” इसपर इव्हान ने कहा “वह प्रथम था ही ।यह प्रतियोगिता उसी की थी।” पत्रकार ने फिर कहा ” लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे” “उस जीतने का क्या अर्थ होता । मेरे पदक को सम्मान मिलता? मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता?संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है ।मैने अगली पीढी को क्या दिया होता? दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है ।” #TokyoOlympics2020″

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वायरल तस्वीर को सर्च किया। english.elpais.com में 20 दिसंबर 2012 को पब्लिश्ड एक खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। खबर के अनुसार “अनुवादित: 2 दिसंबर 2012 को, स्पेनिश एथलीट इवान फर्नांडीज अनाया बुर्लाडा, नवरे में एक क्रॉस-कंट्री रेस में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। वे केनियन एथलीट हाबिल मुताई से कुछ दूरी पर दूसरे स्थान पर चल रहे थे। जैसे ही वे सीधे फिनिशिंग में प्रवेश कर रहे थे, उन्होंने दौड़ के निश्चित विजेता केन्याई धावक को गलती से फिनिश लाइन से लगभग 10 मीटर पहले खींची लाइन को फिनिश लाइन समझ कर रुकते देखा। फर्नांडीज अनाया ने मुताई की गलती का फायदा उठाने के बजाय, इशारों का उपयोग करते हुए, केन्याई खिलाडी को फिनिश लाइन की तरफ निर्देशित किया और उसे पहले पार करने दिया।”

हमें यह तस्वीर इसी डिस्क्रिप्शन के साथ thehindu.com और usatoday.com पर भी मिली।

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के स्पोर्ट्स हेड विपलव कुमार से संपर्क साधा। उन्होंने भी कन्फर्म किया कि यह दावा भ्रामक है और यह घटना 2012 की है, टोक्यो ओलंपिक्स की नहीं।

फेसबुक पर यह पोस्ट Jaigaon Student’s नामक फेसबुक पेज ने शेयर की थी। इस पेज को स्कैन करने पर हमने पाया कि पेज के मात्र 22 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह कहानी तो सही है मगर इसका टोक्यो ओलंपिक्स से कोई लेना देना नहीं है। यह घटना दिसंबर 2012 में स्पेन में हुई एक क्रॉस-कंट्री रेस की थी।

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