Fact Check : कैटरपिलर की तस्वीर को शेयर कर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा भ्रम

विश्वास न्यूज की पड़ताल में स्लग कैटरपिलर की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल। इस कैटरपिलर को छूने से त्वचा संबंधी समस्याएं होती है, लेकिन मृत्यु नहीं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर हरे रंग के एक कीड़े की तस्वीर  को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि खेतों में एक ऐसा कीड़ा आ चुका है, जिसके डंक मारते ही तुरंत मौत हो जाती है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। तस्वीर में नजर आ रहे कीड़े का नाम स्लग कैटरपिलर है। इस कैटरपिलर को छूने से त्वचा संबंधी समस्याएं होती है, लेकिन मृत्यु नहीं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर करण सिंह अरनोट (archive) ने 30 जून को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ ATTENTION_PLZ प्रदेश के किसानों और बागवानों को सूचित किया जाता है की खेतों के अंदर अब ऐसा जानवर भी आ चुका है जो अगर किसी को डंक मार दे तो तुरंत मौत हो जाती है .. इसलिए प्रदेश के किसानों से मेरा विनम्र निवेदन है कि खेतो में काम करते हुए सावधानी बरतें।”

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें कहा गया हो कि एक नया तरीके का कीड़ा आया है, जिसके काटने से लोगों की मौत हो जाती है। हालांकि, हमें इंडियन एक्सप्रेस की 19 सितंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में इस मुद्दे को लेकर कर्नाटक  के एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों से बातचीत की गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह एक अफवाह है। इस कीड़े के काटने से त्वचा संबंधी समस्याएं जरूर होती हैं, लेकिन मौत नहीं होती है।

वायरल कीड़े की फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें यह तस्वीर कीड़ों के बारे में जानकारी देने वाली वेबसाइट प्रोजेक्ट नोआह पर मिली, जिसके मुताबिक, यह तस्वीर स्लग कैटरपिलर की है। यह कीड़ा 3-4 सेंटीमीटर लंबा होता है। इस कीड़े को छूने से त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती है। त्वचा पर धब्बे पड़ सकते हैं और खुजली की परेशानी भी हो सकती है।

कीड़ों के बारे में जानकारी देने वाली एक अन्य वेबसाइट ‘आउलकेशन’ के मुताबिक स्लग कैटरपिलर जहरीले होते हैं। हालांकि, कहीं भी यह नहीं लिखा हुआ है कि उसको छूने से मौत हो सकती है।

हमें दावे से जुड़ा एक ट्वीट DD News Andhra (అధికారిక ఖాతా) के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। 16 सितंबर 2022 को DD News Andhra ने कीड़े की तस्वीर को शेयर करते हुए तेलुगु भाषा में लिखा है- “कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, वायरल दावा गलत है। यह एक फर्जी पोस्ट है।”

वायरल दावा पहले भी वायरल हो चुका है। उस समय भी हमने इसका फैक्ट चेक किया था। उस समय अधिक जानकारी के लिए हमने काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर नरेंद्र नाथ से भी संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था कि वायरल दावा गलत है। स्लग कैटरपिलर के काटने से मृत्यु नहीं होती है।

हमने मेरठ के एक अन्य कृषि वैज्ञानिक एस के सेंगर से भी संपर्क किया था। उन्होंने भी हमें बताया था कि वायरल दावा गलत है। स्लग कैटरपिलर के काटने से खुजली, दर्द और धब्बे पड़ने जैसी समस्याएं त्वचा पर हो सकती हैं, लेकिन इसके काटने से मृत्यु नहीं होती है।

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर करण सिंह अरनोट की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के 3000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं और यूजर हिमाचल के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में स्लग कैटरपिलर की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल। इस कैटरपिलर को छूने से त्वचा संबंधी समस्याएं होती है, लेकिन मृत्यु नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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