Fact Check: बाली में कोरल रीफ कंजरवेशन प्रोजेक्ट से जुड़ी तस्वीरें समुद्र में मौजूद 5000 साल पुरानी मूर्तियों के झूठे दावे से वायरल

इंडोनेशिया के बाली में समुद्र के भीतर 5000 साल पुरानी विष्णु की मूर्ति मिलने का दावा झूठा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि बाली में कोरल रीफ कंजरवेशन से जुड़े प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए अंडरवाटर टेंपल गार्डेन की तस्वीरों को झूठे दावे से वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: बाली में कोरल रीफ कंजरवेशन प्रोजेक्ट से जुड़ी तस्वीरें समुद्र में मौजूद 5000 साल पुरानी मूर्तियों के झूठे दावे से वायरल

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इंडोनेशिया के बाली में समुद्र के भीतर 5000 साल पुरानी विष्णु की मूर्ति मिली है। सोशल मीडिया यूजर्स तीन तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर रहे हैं और इन्हें हिंदू देवता की मूर्ति बता रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। बाली में कोरल रीफ कंजरवेशन से जुड़े एक प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए अंडरवाटर गार्डेन की तस्वीरों को झूठे दावे से वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया यूजर्स एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं, जिसपर तीन तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि यह 5000 साल पुरानी भगवान विष्णु की तस्वीर है। दावे के मुताबिक, बाली में समुद्र के भीतर 5000 साल पुरानी मूर्तियां मिली हैं। फेसबुक पेज Hindutva ने 19 जुलाई को इस वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमने कीवर्ड्स से सर्च किया, तो हमें यह असल ट्वीट भी मिला। Simply Sanatan नाम के ट्विटर हैंडल ने 17 जुलाई को यह वायरल ट्वीट पोस्ट किया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल कोलाज में मौजूद तीन तस्वीरों को स्नीपिंग टूल की मदद से काट कर निकाला। इसके बाद हमने क्रम से इन तस्वीरों पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। पहली तस्वीर में लेटी हुई मुद्रा में एक मूर्ति है। हमें यह तस्वीर picyourtrail.com पर मौजूद एक रिपोर्ट में मिली, जिसमें बाली में मौजूद 9 खूबसूरत मंदिरों के बारे में बताया गया है। इसमें छठवें नंबर पर अंडरवाटर टेंपल के जिक्र के साथ यह तस्वीर लगाई गई है। जगह बाली में Pemuteran बताई गई है। इसके साथ यह भी बताया गया है कि यह टेंपल पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के तहत बनवाया गया है और 20 साल से अधिक पुराना नहीं है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह हमने दूसरी तस्वीर पर भी गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें यह तस्वीर /conspiracytheories.in नाम की वेबसाइट पर मिली। यहां बताया गया है कि यह तस्वीर इंडोनेशिया के अंडर वाटर टेंपल गार्डन की है। यहां बताया गया है कि यह प्रोजेक्ट एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिस ब्राउन के दिमाग की उपज है, जिसमें उनका साथ एक ब्रिटिश नागरिक पॉल टर्ली ने दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रोजेक्ट Pemuteran इलाके में है। यह रीफ गार्डेन प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से तैयार किया गया है। 2005 में इस अंडरवाटर टेंपल गार्डन को तैयार किया है। यहां तमाम सैंडस्टोन की मूर्तियां बनाई गई हैं, जिनका धार्मिक संदर्भ है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

हमने तीसरी तस्वीर पर भी गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इससे मिलते-जुलते ढेरों परिणाम इंटरनेट पर मिले। इंडोनेशियाई भाषा की एक साइट piknikdong.com पर हमें यह तस्वीर मिली। इसे भी बाली के Pemuteran का अंडरवाटर टेंपल बताया गया है। यहां भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह कोई प्राचीन मंदिर नहीं है, बल्कि कोरल रीफ को संरक्षित करने के लिए इन्हें 2005 के आसपास बनाया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर विस्तार से देखा जा सकता है।

अबतक की पड़ताल से मिले क्लू के आधार पर हमने अंडर वाटर टेंपल ऑफ बाली कीवर्ड्स से इंटरनेट पर इस मामले को और ढूंढा। हमें Paul Turley के यूट्यूब चैनल पर 24 मार्च 2012 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। इसमें वायरल तस्वीरों में से कुछ को देखा जा सकता है। पॉल टर्ली ने वीडियो के डिस्क्रिप्शन में साफ लिखा है कि यह 2005 के एक सोशल/एन्वायरन्मेंटल प्रोजेक्ट रीफ गार्डेनर्स का हिस्सा है। उन्होंने बताया है यह कोई प्राचीन मंदिर नहीं हैं। उन्होंने डिस्क्रिप्शन में अपने साइट (www.searovers.net) की भी जानकारी दी है और बताया है कि यहां से अधिक जानकारी ली जा सकती है। इस वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमें www.searovers.net पर एक नंबर मिला, जिसपर हमने वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क किया। हमने इस नंबर पर वायरल पोस्ट को शेयर किया। पॉल की तरफ से भेजे गए जवाब में हमें बताया गया कि इसके 5000 साल पुराने मंदिर या मूर्ति होने का दावा गलत है। उन्होंने बताया कि पहली मूर्ति बुद्ध प्वाइंट की है, जो Pemuteran के अंडरवाटर गार्डन से आधार पर बनाई गई है। दाहिनी तरफ दिख रही दोनों तस्वीरें कोरल ग़ॉडेस की हैं, जो बायोरॉक रीफ कंजरवेशन, Pemuteran से जुड़ी हैं। उन्होंने इस संबंध में हमारे साथ Pemuteran, बाली के बायोरॉक प्रोजेक्ट की जानकारी भी साझा की। इसमें बताया गया है कि 1990 के दशक में राजनीतिक हालात, आर्थिक मंदी और पर्यावरण की समस्याओं की वजह से मछुआरों ने गलत तरीके फिशिंग करनी शुरू की, जिससे कोरल रीफ का काफी नुकसान हुआ। इसे ही ठीक करने के लिए 2000 में बायोरॉक प्रोजेक्ट शुरू हुआ। आज Pemuteran के कोरल रीफ रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट में 115 से अधिक बायोरॉक स्ट्रक्चर हैं।

उन्होंने बताया कि तस्वीरों के गलत संदर्भ में वायरल होने को लेकर अगस्त 2010 में उन्होंने डिस्क्लेमर भी जारी किया था। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पॉल ने हमें बताय़ा कि रीफसीन एक्वाटिक्स, बाली के मालिक क्रिस ब्राउन इस अंडरवाटर टेंपल प्रोजेक्ट के मुख्य कर्ताधर्ता हैं। उन्होंने हमारे साथ रीफसीन की वेबसाइट का लिंक भी शेयर किया। यहां Pemuteran Bay के बारे में और अंडरवाटर टेंपल गार्डन के बारे में जानकारी दी गई है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक पेज Hindutva को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 9277 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: इंडोनेशिया के बाली में समुद्र के भीतर 5000 साल पुरानी विष्णु की मूर्ति मिलने का दावा झूठा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सामने आया है कि बाली में कोरल रीफ कंजरवेशन से जुड़े प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए अंडरवाटर टेंपल गार्डेन की तस्वीरों को झूठे दावे से वायरल किया जा रहा है।

False
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