Fact Check: DU के घायल छात्रों की तस्वीर को JNU विवाद के नाम पर गलत दावे से किया जा रहा शेयर

जेएनयू कैंपस के भीतर दीवारों पर जाति विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारों को लिखने वाले छात्रों की पहचान किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही घायल छात्रों की तस्वीर दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान की है, जहां छात्रों का एक समूह प्रोफेसर जी एन साईंबाबा समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान उनकी एबीवीपी के सदस्यों के साथ झड़प हुई, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। वायरल हो रही तस्वीर इसी घटना की है, जिसे जेएनयू के नाम पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: DU के घायल छात्रों की तस्वीर को JNU विवाद के नाम पर गलत दावे से किया जा रहा शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जाति विशेष के खिलाफ लिखे गए आपत्तिजनक नारों के बाद सोशल मीडिया पर तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ घायल युवाओं की तस्वीर नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि ये उन छात्रों की तस्वीर है, जिन्होंने जेएनयू परिसर के भीतर दीवारों पर ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ का नारा लिखा था।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही यह तस्वीरें ‘कैंपेन अगेस्ट स्टेट रिप्रेशन’ (सीएएसआर) के सदस्यों की है, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर साईंबाबा और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सीएएसआर और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए और यह तस्वीर उन्हीं घायल छात्रों की है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Veer Thakur’ ने वायरल तस्वीरों (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”कसम से अब यह तीनों सपने में भी नहीं लिखेंगे ब्राह्मण भारत छोड़ो यही तीनो थे दीवारों पर लिखने वाले।”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल पोस्ट

सोशल मीडिया पर अनगिनत यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल स्रोत को ढूंढने के लिए हमने गूगल लेंस की मदद ली। सर्च में कई न्यूज रिपोर्ट्स के लिंक मिले, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

दो दिसंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जी एन साईंबाबा की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ‘कैंपस अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन’ के सदस्यों की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के साथ झड़प हुई, जिसमें कई छात्र घायल हो गए।

द वायर की दो दिसंबर की रिपोर्ट

अन्य न्यूज रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि होती है। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के पास बृहस्पतिवार को वामपंथी छात्र समूह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एबीवीपी के बीच हुई मारपीट में कई छात्र कार्यकर्ता घायल हो गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कहा कि उसने मौरिस नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना प्रोफेसर जीएन साईंबाबा की रिहाई की मांग को लेकर हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना एक दिसंबर के शाम की है। की-वर्ड सर्च में हमें यह तस्वीर ‘Campaign Against State Repression’ के फेसबुक पेज पर भी लगी मिली, जिसे दो दिसंबर को साझा किया गया है।

पोस्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह घटना एक दिसंबर की है, जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के पटेल चेस्ट पर प्रदर्शन के दौरान शाम करीब चार बजे एबीवीपी के सदस्यों और सीएएसआर सदस्यों के बीच झड़प हुई। पुलिस घायलों को इलाज के लिए हिंदू राव अस्पताल लेकर गई ।

दो दिसंबर की एक अन्य रिपोर्ट में भी इसे दिल्ली यूनिवर्सिटी का ही बताया गया है। वायरल तस्वीर को लेकर हमने ‘Campaign Against State Repression’ पेज से फेसबुक पर संपर्क किया। पेज की तरफ से एहतमाम उल हक ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘जिन तीन लोगों की तस्वीर वायरल हो रही है, उनमें से एक मैं हूं। मैं पेशे से वकील हूं और बाकी अन्य दो लोगों के नाम लक्षिता और अक्श हैं। ये दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय से हैं।’ उन्होंने बताया कि हमारी तस्वीर को जेएनयू प्रकरण से जोड़ कर वायरल किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।

उन्होंने बताया, ‘हम तीनों का जेएनयू से कोई संबंध नहीं है। मैं जामिया से पढ़ा हूं और बाकी दोनों घायल छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय से हैं।’ एहतमाम ने बताया कि मारपीट की यह घटना मौरिस नगर थाने के पास की है और इस मामले में हमने एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

वायरल तस्वीर को लेकर हमने जेएनयू के पूर्व छात्र और एबीवीपी नेता विकास पटेल से भी संपर्क किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि ये तस्वीरें दिल्ली विश्वविद्यालय की है और इसका जेएनयू की हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने कैंपस के भीतर दीवारों पर आपत्तिजनक नारे लिखे थे, उनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।

निष्कर्ष: जेएनयू कैंपस के भीतर दीवारों पर जाति विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक नारों को लिखने वाले छात्रों की पहचान किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही घायल छात्रों की तस्वीर दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान की है, जहां छात्रों का एक समूह प्रोफेसर जी एन साईंबाबा समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान उनकी एबीवीपी के सदस्यों के साथ झड़प हुई, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। वायरल हो रही तस्वीर इसी घटना की है, जिसे जेएनयू के नाम पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट