नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में बाघों और पेड़ पर चढ़े हुए लोगों की कुछ तस्वीरों को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी नेशनल पार्क में दो शेरों ने तीन लोगों को मार डाला है। विश्वास टीम ने जब इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। पुरानी तस्वीरों के आधार पर यह झूठ फैलाया गया है। हकीकत यह है कि मप्र के शिवपुरी में स्थित माधव नेशनल पार्क में एक भी बाघ मौजूद नहीं है।
फेसबुक यूजर सत्येंद्र नागर ने 15 अक्टूबर 2019 को बाघों की कुछ तस्वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया : “शिवपुरी कोई भी बाइक से न जाए अभी नेशनल पार्क से छूटे दो शेर आने जाने वालों को किया जख्मी 3 लोगों को मारा”
विश्वास टीम ने वायरल पोस्ट की पड़ताल दो हिस्सों में की। पहले हमें यह जानना था कि वायरल तस्वीरें कहां की हैं। दूसरा, हमें इस बात का भी पता लगाना था कि क्या वाकई में शिवपुरी के नेशनल पार्क में बाघों ने इंसानों की जान ली है।
पहली तस्वीर
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले पहली तस्वीर की पड़ताल की। इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर दक्षिण भारत से लेकर मध्य प्रदेश तक की वेबसाइट पर मिली। हर किसी ने इस तस्वीर को अपने राज्य की बताकर खबरों में अपलोड किया था। हमें यह जानना था कि ओरिजनल तस्वीर कहां की है। इसके लिए हमने सबसे पुराना लिंक खोजना शुरू किया। इसके लिए हमने टाइमलाइन टूल का इस्तेमाल किया तो हमें सबसे पुरानी और ओरिजनल तस्वीर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की मिली। शाजापुर के बंगली गांव के पास जनवरी 2016 में एक बाघ ने गाय का शिकार किया था। तस्वीर उसी वक्त की है। शिकार को खाते हुए बाघ की यह तस्वीर वन विभाग के कैमरे में कैद हुई थी।
दूसरी तस्वीर
अब बारी थी दूसरी तस्वीर की जांच करने की। इस तस्वीर में एक बाघ को सड़क पार करते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया तो हमें यह तस्वीर भी कई जगह मिली। इसके बाद हमने टाइम लाइन टूल का इस्तेमाल करते हुए सबसे पुरानी तस्वीर को खोजना शुरू किया। हमें दक्षिण भारत की वेबसाइट sakshi.com पर यह तस्वीर मिली। 16 फरवरी 2018 को अपलोड की गई इस तस्वीर के बारे में बताया गया कि श्रीशैलम हाईवे को क्रॉस करता हुए बाघ। श्रीशैलम आंध्र प्रदेश में है।
तीसरी तस्वीर
विश्वास न्यूज ने अब तीसरी तस्वीर की पड़ताल की। गूगल रिवर्स इमेज में इस तस्वीर को अपलोड करके टाइम लाइन टूल का इस्तेमाल करते हुए पुरानी तस्वीरों को सर्च करना शुरू किया। हमें सकाल नाम की वेबसाइट पर इससे मिलतीजुलती तस्वीर मिली। खबर में बताया गया कि महाराष्ट्र के चिप्लूर में तेंदुए के हमले से कई लोग घायल हो गए थे। सकाल ने यह खबर 11 दिसंबर 2018 को अपलोड की थी।
चौथी तस्वीर
अब बारी थी चौथी तस्वीर की पड़ताल करने की। इस तस्वीर में कई लोगों को एक पेड़ पर चढ़े हुए देखा जा सकता है। जब हमने इसे खोजना शुरू किया तो हमें 16 दिसंबर 2018 का एक ट्वीट मिला। इसे अर्चना पानिया नाम के ट्विटर हैंडल से किया गया था। इसमें तीन तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि यह तस्वीरें चिप्लून की हैं।
पड़ताल के दौरान हमें जय महाराष्ट्र न्यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें हम बाइक के पास एक तेंदुआ और पेड़ों में चढ़े कुछ लोग दिखे। यही सब हमें तीसरी और चौथी तस्वीर में भी दिखा। इस वीडियो को 11 दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया था।
इसके बाद हमने शिवपुरी जिले के सीसीएफ वाई पी सिंह से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी दी, “यह फेक न्यूज है। ऐसी कोई घटना जिले में नहीं हुई है। माधव नेशनल पार्क में एक भी बाघ नहीं है। यहां तेंदुए काफी हैं।”
अंत में हमने सत्येंद्र नागर नाम के फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि सत्येंद्र एक पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले सत्येंद्र एक खास दल से जुड़ा कंटेंट ज्यादा अपलोड करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि शिवपुरी में बाघों ने ली इंसानों की जान वाली पोस्ट फर्जी है। पोस्ट में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, वे सभी तस्वीरें पुरानी हैं।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।