Fact Check : अजमेर दरगाह के खादिम की बेटी के नाम पर वायरल मैसेज में नहीं है सच्‍चाई

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में हुए हिंदू-मुस्लिम विवाह के वीडियो को कुछ लोग अजमेर दरगाह के चिश्‍ती खादिम परिवार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। इस दावे में कोई सच्‍चाई नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि अजमेर दरगाह के एक खादिम की बेटी ने हिंदू लड़के से शादी कर ली। शादी के बाद इकरा नाम की इस लड़की का नाम इशिका हो गया। वीडियो में लड़की का इंटरव्‍यू भी देखा जा सकता है। वीडियो के थंबनेल में अजमेर दरगाह के एक खादिम की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट के दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। दरअसल मंदसौर में एक मुस्लिम युवती और हिंदू युवक के विवाह को कुछ लोग अजमेर के खादिम परिवार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। इसके अलावा, वायरल वीडियो में गलत टेक्‍स्‍ट के अलावा जेल में बंद एक शख्‍स की भी तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर ‘LovE CrasH 1’ ने 11 सितंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘अजमेर चिश्ती खादिम के बेटी भागी हिंदू लड़के सूरज के साथ बनी इकरा से इशिका खादीम रो-रो कर पागल।’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिख गया है। पोस्‍ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें युवती के इंटरव्‍यू के बैकग्राउंड में एक अखबार की कटिंग दिखाई दी। इसके अलावा इंटरव्‍यू में युवती को बोलते हुए देखा जा सकता है कि वे शादी के लिए हिंदू बनी। शादी मंदसौर में की। इसके अलावा युवती को यह कहते हुए भी देखा जा सकता है कि इकरा हिंदू धर्म अपनाकर इशिका बन गई। इस पूरे वीडियो में थंबनेल के अलावा कहीं भी अजमेर के चिश्‍ती खादिम का जिक्र नहीं मिला।

सर्च को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली गई। संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर हमें कई वेबसाइट पर इस शादी की खबरें मिलीं। एबीपीलाइव डॉट कॉम की वेबसाइट पर 10 सितंबर को पब्लिश एक खबर में लिखा गया : ‘मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक लड़की के धर्म परिवर्तन कर सनातन धर्म स्वीकार करने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, लड़की राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली है, जिसने मंदसौर में धर्म परिवर्तन कर सनातन धर्म स्वीकार करते हुए वैदिक रीति के अनुसार विवाह किया है। मंदसौर के कालाखेत स्थित गायत्री परिवार मंदिर में शुक्रवार शाम जोधपुर की इकरा बी पिता शाकिर ने राहुल पिता दिनेश वर्मा से विवाह के लिए हिंदू धर्म स्वीकार करते हुए वैदिक रीति से शादी की। ‘ पूरी खबर यहां पढ़ें।

12 सितंबर को नईदुनिया की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित खबर को पब्लिश किया गया। इसमें भी बताया गया कि मुस्लिम युवती इकरा मतांतरण कर इशिका बनी और हिंदू युवक राहुल से शादी की। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए अजमेर के चिश्‍ती फाउंडेशन के सलमान चिश्‍ती से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। इस वीडियो का अजमेर शरीफ के चिश्‍ती परिवार से कोई ताल्‍लुकात नहीं है। वीडियो के थंबनेल में नजर आ रहा खादिम स्‍थानीय गुंडा है। फिलहाल वह जेल में है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया, मंदसौर के ब्‍यूरो प्रमुख आलोक शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि वायरल दावा फर्जी है। युवक और युवती दोनों ही जोधपुर के रहने वाले हैं। अजमेर के चिश्‍ती खादिम वाली बात बेबुनियाद है।

अब तक की पड़ताल में यह साबित हो गया कि मंदसौर में हुए विवाह में अजमेर के चिश्‍ती खादिम की बेटी का कोई एंगल नहीं है। यह सिर्फ एक हिंदू युवक और मुस्लिम युवती का विवाह है।

पड़ताल के अगले चरण में थंबनेल में इस्‍तेमाल किए गए शख्‍स की जांच की गई। पता चला कि सलमान चिश्‍ती नाम का यह शख्‍स फिलहाल जेल में है। इस शख्‍स ने भाजपा नेता नूपुर शर्मा की गर्दन काटने वाले शख्‍स को इनाम देने की घोषणा करना का भड़काऊ वीडियो बनाकर वायरल किया था। थंबनेल में इसी शख्‍स की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक पेज LovE CrasH 1 को 10 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इस पेज पर वायरल कंटेंट ज्‍यादा दिखा।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में हुए हिंदू-मुस्लिम विवाह के वीडियो को कुछ लोग अजमेर दरगाह के चिश्‍ती खादिम परिवार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। इस दावे में कोई सच्‍चाई नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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