विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन और महिलाओं के पीरियड से जुड़ा एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एक ग्राफिक्स प्लेट शेयर किया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहहा है कि लड़कियों/महिलाओं के लिए जरूरी है कि वह अपने पीरियड के 5 दिन पहले और बाद तक कोरोना वैक्सीन न लें, क्योंकि इस दौरान इम्युनिटी काफी कम रहेगी। आगे यह भी दावा किया गया है कि वैक्सीन की डोज पहले इम्युनिटी घटाती है, ऐसे में उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहेगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ और मेडिकल एक्सपर्ट्स इस दावे को खारिज कर सबको वैक्सीन लेने की सलाह दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) और सिटी स्पेसिफिक फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप ग्रुप में भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। ये दावा ट्विटर पर भी वायरल है। ट्विटर यूजर Surabhi Anand ने 25 अप्रैल 2021 को अपने ट्विटर हैंडल से वायरल ग्राफिक्स प्लेट को शेयर किया है। इस ग्राफिक्स प्लेट में अंग्रेजी में लिखा है कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगनी शुरू होगी। लड़कियों के लिए जरूरी है कि वह वैक्सीन लेने से पहले पीरियड चेक करें। इसके दावे के मुताबिक, पीरियड के 5 दिन पहले और 5 दिन बाद तक लड़कियां वैक्सीन न लें, क्योंकि पीरियड के दौरान इम्युनिटी काफी कम होती है। इसमें आगे दावा किया गया है कि वैक्सीन के डोज से पहले इम्युनिटी घटती है, फिर बढ़ती है। ऐसे में पीरियड के दौरान वैक्सीन लेने पर संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पहले इंटरनेट पर ओपन सर्च के माध्यम से इस दावे की पड़ताल शुरू की। हमने यह जानना चाहा कि क्या वास्तव में कोरोना वैक्सीन का महिलाओं के पीरियड से कोई संबंध है। हमें हमारे सहयोगी English Jagran की वेबसाइट पर 25 अप्रैल 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में तमाम स्त्रीरोग विशेषज्ञ और एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि पीरियड से 5 दिन पहले और 5 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लेने का वायरल दावा झूठा है। यह भी बताया गया है कि पीरियड का महिलाओं की इम्युनिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस रिपोर्ट में गायनोलॉजिस्ट (स्त्रीरोग विशेषज्ञ) डॉक्टर मुंजाल वी कपाड़िया के इसी मुद्दे पर किए गए ट्वीट को भी एंबेड किया गया है। डॉक्टर कपाड़िया अपने ट्वीट में लिखा है कि उनसे काफी मरीज पूछ रहे हैं कि क्या पीरियड के दौरान वैक्सीन लेना सुरक्षित/प्रभावी होगा या नहीं। डॉक्टर कपाड़िया अपने ट्वीट में पीरियड के दौरान वैक्सीनेशन को बिल्कुल सुरक्षित बताते हुए इसे लेने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही वह अपील भी कर रहे हैं कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
ऐसे ही एक फर्टिलिटी कंसल्टेंट और स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर युवराज ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट कर वायरल अफवाह को खारिज किया है। उनके मुताबिक, अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो कि पीरियड के दौरान महिलाओं को वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि किसी भी महिला, लड़की को पीरियड के दौरान वैक्सीन लेने से न रोकें। एक्सपर्ट डॉक्टर के इस वीडियो पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को FORTIS LA FEMME में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अनीता गुप्ता से भी शेयर किया। उन्होंने इस दावे को गलत बताते हुए कहा कि महिलाएं किसी भी दिन वैक्सीन ले सकती हैं। हमने इस वायरल दावे को डॉक्टर जुबैर संग भी शेयर किया, जो फतेहपुर कोविड लेवल 2 में पोस्टेड और एमडी मेडिसिन हैं। डॉक्टर जुबैर से हमने यह जानना चाहा कि क्या वैक्सीन लेने से इम्युनिटी घटती है। उन्होंने इस दावे को फर्जी बताते हुए कहा कि वैक्सीन बनाई ही गई है इम्युनिटी लेवल को बढ़ाने के लिए, ताकि इसे लेने वाला कोविड संक्रमण से बच सके।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाली ट्विटर यूजर Surabhi Anand की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अगस्त 2012 में बनाई गई है। फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 68 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कोरोना वैक्सीन और महिलाओं के पीरियड को लेकर वायरल किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ और मेडिकल एक्सपर्ट्स इस दावे को खारिज कर रहे हैं कि पीरियड के दौरान वैक्सीन लेना सुरक्षित नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि महिलाएं इस दावे पर ध्यान न दें और जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन लें।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए, क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का इलाज खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
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