Fact Check : हनुमान जी की खंडित मूर्ति मामले में नहीं है सांप्रदायिक एंगल, Fake दावा वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। दरअसल मूर्ति पुरानी हो जाने के कारण इसे फिर से बनाया जा रहा है।

Fact Check : हनुमान जी की खंडित मूर्ति मामले में नहीं है सांप्रदायिक एंगल, Fake दावा वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्‍वीर को फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। दावा किया गया है कि एक खास समुदाय के लोगों ने इस मूर्ति को तोड़ा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। दरअसल मूर्ति पुरानी हो जाने के कारण इसे फिर से बनाया जा रहा है। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। स्‍थानीय पुलिस ने भी सांप्रदायिक दावे का खंडन किया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सूर्य प्रकाश पांडेय ने 18 मार्च को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “कॉंग्रेस शासित तेलंगाना में आज श्री रामभक्त हनुमान जी की अतिभव्य और विशाल मूर्ति तोड़ दी गई है…. चिपलापल्ली प्रकृति आश्रम, कंडुकुरू मंडल, रंगारेड्डी जिल्ला , तेलांगना… बता दू कॉंग्रेस राज में रोज 2000 गौवंश खुलेआम कटते है तेलंगाना मे.रोज की 100 गाड़िया गौवंश की तस्करी खुलेआम होती है… आशा नहीं है कि तेलंगाना की कॉंग्रेस सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी अब सोचो ये कौन लोग हैं जिन्हें मूर्ति से इतना डर लग रहा है। यह बताने की बात नहीं है सबको मालूम है कि इस दूषित विचार की जड़ आसमानी किताब ही है।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में किए गए दावे की सत्‍यता जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। यहां सर्च करने पर हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

जांच को आगे बढ़ाते हुए तस्‍वीर को गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया। पता चला कि इस तस्‍वीर को कुछ दिनों से लगातार वायरल किया जा रहा है। अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर इस तस्‍वीर को शेयर करके सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कंडूकुर पुलिस स्‍टेशन के एचएसओ मोहम्‍मद मकबूल जानी से संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल तस्‍वीर को लेकर किए जा रहे सांप्रदायिक दावे को फर्जी बताया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस मूर्ति का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

पड़ताल के अंत में वायरल पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। पता चला कि फेसबुक यूजर सूर्य प्रकाश पांडेय यूपी के सुल्‍तानपुर का रहने वाला है। इसके फेसबुक पर करीब पांच हजार फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। तेलंगाना के एक गांव में हनुमान जी की पुरानी मूर्ति की तस्‍वीर को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

False
Symbols that define nature of fake news
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