Fact Check: कर्नाटक में नहीं शुरू हुई है रूट नंबर 420 की बस, एडिटेड तस्वीर वायरल

विश्वास न्यूज ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि बस की तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर रूट नंबर 365 की बस की है। बेंगलुरु में रूट नंबर 420 पर कोई बस नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक संतरी रंग की बस दिखाई दे रही है, जिस पर बस रूट नंबर 420 लिखा हुआ है। साथ में लिखा है विधान सौधा टु परप्पाना अग्रहारा। पोस्ट के ऊपर लिखा है पॉलिटिशियन  स्पेशल है। पोस्ट के ज़रिये भ्रष्ट राजनेताओं पर तंज कसा जा  रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि बस की तस्वीर असल में एडिटेड है। बेंगलुरु में रूट नंबर 420 पर कोई बस नहीं है। असली तस्वीर रूट नंबर  365 की बस की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर बालासुब्रमण्यम बी.के ने तस्वीर पोस्ट की और साथ में लिखा, “पहली बार, सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा बेंगलुरु में एक बस रूट की पूरी तरह से योजना बनाई गई है… स्रोत से गंतव्य तक। रूट नंबर 420 विधान सौधा से … से …परप्पाना अग्रहारा ( सेंट्रल जेल)। बुरा ना मानो पॉलिटिशियन स्पेशल है।”

यहां पोस्ट और आर्काइव वर्जन देखें।

पड़ताल:

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर BMTC Volvo Bus नाम के फेसबुक पेज की प्रोफ़ाइल पिक्चर  के रूप में मिली। इसे 8 मई 2010 को अपलोड किया गया था। मगर इस तस्वीर में रूट  नंबर 420 नहीं 365 था। साथ में कन्नड़ में लिखा था नेशनल पार्क।

हमें रूट नंबर 365 की यह तस्वीर और कई वेबसाइटों पर भी मिली।

असली तस्वीर और एडिटेड तस्वीर में अंतर नीचे दिए गए कोलाज में देखा जा सकता है।

अब ये तो साफ था कि वायरल तस्वीर एडिटेड है, मगर हमें यह जानना था कि क्या बेंगलुरु में कोई 420 रूट की बस है? हमने BMTC की पूरी वेबसाइट खंगाली मगर हमें इस रूट की कोई बस नहीं मिली।

इसके बाद हमने ढूंढा कि विधान सभा (कन्नड़ में विधान सौधा ) से बेंगलुरु की परप्पाना अग्रहारा स्थित सेंट्रल जेल का रूट जांचा। हमें बता चला कि इस रूट पर कोई सीधी बस नहीं है। विधान सौधा से परप्पाना अग्रहारा जाने के लिए काम से काम 2 बार बस बदलनी पड़ती है।

आपको बता दें कि 420 का सन्दर्भ भारत में धोखाधड़ी  से जोड़कर बताया जाता है। आईपीसी की धारा 420 ऐसे व्यक्तियों पर लगाई जाती है, जो छल या धोखेबाजी करते हैं।

हमने इस विषय में बीएमटीसी के पीआरओ के अरियन्ना से भी बात की। उन्होंने भी पोस्ट को फर्जी और एडिटेड बताया। विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर बालासुब्रमण्यम बी.के की सोशल साइट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर चेन्नई का रहने वाला है और उसके 3000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि बस की तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर रूट नंबर 365 की बस की है। बेंगलुरु में रूट नंबर 420 पर कोई बस नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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