Fact Check: गैर-मुसलमानों को नौकरी देने पर नहीं है हमदर्द कंपनी में प्रतिबंध; वायरल दावा फर्जी है

विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल में पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है। हमदर्द कंपनी में किसी विशेष धर्म के लोगों को नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों को नौकरी दी जाती है।

Fact Check: गैर-मुसलमानों को नौकरी देने पर नहीं है हमदर्द कंपनी में प्रतिबंध; वायरल दावा फर्जी है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर हमदर्द कंपनी से जुड़ा एक दावा वायरल हो रहा है कि हमदर्द कंपनी में गैर-मुसलमानों को नौकरी देने पर प्रतिबंध है और वहां किसी दूसरे धर्म के शख्स को नौकरी नहीं दी जाती है। विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है। हमदर्द कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी में किसी विशेष धर्म के लोगों को नहीं, बल्कि सभी धर्म के लोगों को नौकरी दी जाती है और वहां सभी धर्मों के लोग काम करते हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ‘Advocate Neena Sharma Ward 9N’ ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें शर्बत की बोतल बनी है और ऊपर लिखा है, “रुहाफजा बनाने वाली कंपनी ~ हमदर्द” का स्वामित्व एक इस्लामिक संस्था मुस्लिम वक्फ बोर्ड के पास है। इसके सारे कर्मचारी मुसलमान है। शुक्रवार को यह कंपनी मस्जिद में परिवर्तित हो जाती है। इस कंपनी में हिन्दुओं को पैर तक नहीं रखने दिया जाता। इसका पूर्ण बहिष्कार करे ॥ इस msg को ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करें और जनजागरण में योगदान दें”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले सोशल नेटवर्क साइट लिंक्डइन पर कीवर्ड सर्च किया और हमदर्द कंपनी के कर्मचारियों को ढूंढा। हमें हमदर्द कंपनी के कई कर्मचारी मिले, जिनके नाम गैर-मुस्लिम हैं।

हमदर्द की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी हमने ढूंढा। हमें वेबसाइट के लीडरशिप सेक्शन में यहाँ के टॉप मैनेजमेंट के नाम मिले। यहाँ भी कई नाम गैर-मुस्लिम थे।

हमने न्यूज़ सर्च भी किया मगर हमें कहीं ऐसी कोई खबर नहीं मिली। हमदर्द एक बड़ी और जानी-मानी कंपनी है और अगर वायरल दवा सच होता तो इससे जुड़ी कोई न कोई खबर न्यूज़ में ज़रूर मौजूद होती।

पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने हमदर्द के मार्केटिंग डिवीज़न के मैनेजर मोहम्मद शारिक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “ये पोस्ट पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद है। हमदर्द में कई गैर-मुस्लिम कर्मचारी हैं।”

फ़र्ज़ी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘Advocate Neena Sharma Ward 9N’ की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को 453 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल में पाया कि यह दावा फ़र्ज़ी है। हमदर्द कंपनी में किसी विशेष धर्म के लोगों को नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोगों को नौकरी दी जाती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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