Fact Check: कोविड-19 के बारे में चेतावनी देता यह वीडियो 1956 में नहीं, बल्कि साल 2020 में ही बनाया गया है

वायरल वीडियो के साथ किया गया यह दावा गलत है कि साल 1956 में ही कोविड-19 के बारे में चेतावनी दे दी गई थी। असल में वायरल हो रहा वीडियो एक व्यंग्य है, जिसे एक आर्टिस्ट ने अलग-अलग जगह से फुटेज लेकर तैयार किया है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि आज से करीब 65 साल पहले यानी कि वर्ष 1956 में ही यह चेतावनी दे दी गई थी कि साल 2020 में एक वायरस फैलेगा। यह एशिया से शुरू होकर पूरे विश्व में फैल जाएगा।

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल की और इसके जरिए किए गए दावे को गलत पाया। दरअसल वायरल वीडियो साल 1956 में नहीं, बल्कि फरवरी 2020 में हॉलीवुड शॉर्ट फिल्मों से फुटेज लेकर तैयार किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Padam Bali ने यह वीडियो शेयर की है, जिसके साथ अंग्रेजी में लिखे टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है: क्या आप यकीन करेंगे? यह रिकॉर्डिंग 65 साल पहले की गई थी। यानी कि साल 1956 में ही यह बता दिया गया था। इस रिकॉर्डिंग के आखिरी 40 सेकंड जरूर सुनें।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो में किए गए दावे की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से वीडियो के कीफ्रेम्स काटे और इनमें से एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। काफी सर्च करने के बाद हमें यूट्यूब चैनल RamsesThePigeon पर वायरल वीडियो का 4.15 मिनट का लंबा वर्जन मिल गया।

यूट्यूब पर 1 मार्च 2020 को अपलोड किए गए इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है: It’s hilarious to look back on what people from the 1950s thought the future would be like. Archival and public domain footage were acquired from Archive.org. Also, yes, I only threw this together because I wanted to have a video upload on February 29. (1950 के दशक में लोग भविष्य के बारे में क्या सोचते थे यह जानना हास्यास्पद है। आर्काइव पब्लिक डोमेन फुटेज Archive.org से लिए गए हैं। हां, मैं इस वीडियो को 29 फरवरी को अपलोड करना चाहता था इसलिए इन्हें एक साथ जोड़ा। )

हमें यह वीडियो RamsesThePigeon के ट्विटर हैंडल पर भी कुछ इसी तरह के डिस्क्रिप्शन के साथ मिला। यहां भी यह वीडियो 1 मार्च 2020 को ही ट्वीट किया गया था।

इसके बाद हमने RamsesThePigeon के बारे में जानने की कोशिश की तो पाया कि असल में Max Patrick Schlienger नामक आर्टिस्ट का पैन नेम RamsesThePigeon है और उन्होंने ही यह वीडियो तैयार किया है।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने मैक्स से ईमेल के जरिए संपर्क किया। उन्होंने जवाब में हमें बताया कि यह वीडियो उन्होंने फरवरी 2020 में Archive.org से फुटेज लेकर तैयार किया था। वीडियो के साथ मौजूद वॉइसओवर भी उन्होंने ही लिखा है और उन्हीं की आवाज में है। मैक्स ने बताया कि यह वीडियो मैंने व्यंग्य के तौर पर बनाया था, जो कोविड-19 को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अलग विचार प्रस्तुत करता है। दुर्भाग्य से कोरोना के प्रसार को लेकर विभिन्न वैज्ञानिक तथ्य एक-दूसरे से अलग हैं। एक तथ्य दूसरे को काट रहा है। जो पंचलाइन को खत्म कर दे रहा है। जब मैंने यह वीडियो बनाया था तब मुझे नहीं पता था कि यह इतना वायरल हो जाएगा और लोग इसे इस तरह गलत दावे के साथ फैलाने लगेंगे। मैं अपने स्तर पर भी इस वीडियो को व्यंग्य के तौर पर सहेज कर रखने और लोगों का भ्रम दूर करने की कोशिश कर रहा हूं।

हमने वीडियो के अलग-अलग सीन के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया तो पाया कि वीडियो में दिख रहा घरेलू काम करने वाला रोबोट का सीन 1940 में रिलीज हुई फिल्म Leave It to Roll-Oh से लिया गया है, जबकि कुछ सीन 1956 में रिलीज हुई फिल्म Tornado से लिए गए हैं।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Padam Bali की प्रोफाइल को स्कैन करने का। यूजर की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर जम्मू का रहने वाला है।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो के साथ किया गया यह दावा गलत है कि साल 1956 में ही कोविड-19 के बारे में चेतावनी दे दी गई थी। असल में वायरल हो रहा वीडियो एक व्यंग्य है, जिसे एक आर्टिस्ट ने अलग-अलग जगह से फुटेज लेकर तैयार किया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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