Fact Check: औरंगजेब की कब्र को लेकर वायरल हो रहा पोस्ट फर्जी है

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर्स की मदद से तैयार किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर पब्लिश हुई एक खबर का एक स्क्रीनशॉट दिखाई देता है। अंग्रेजी में छपी इस खबर का टाइटल है:Man caught pissing on aurangzeb grave. Court said it is not a crime. (औरंगजेब की कब्र पर यूरिन करता पकड़ा गया एक व्यक्ति, कोर्ट ने कहा ऐसा करना नहीं है अपराध)। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है।

दरअसल वायरल पोस्ट में दिख रहा स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर्स की मदद से तैयार किया गया है। असल में न तो देश के किसी कोर्ट ने इस तरह का कोई फैसला दिया है और न ही द इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज CKMKB पर यह पोस्ट शेयर किया गया है जिसमें एक कब्र की तस्वीर के साथ लिखे गए अंग्रेजी टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है: औरंगजेब की कब्र पर यूरिन करता पकड़ा गया एक आदमी, कोर्ट ने कहा ऐसा करना कोई जुर्म नहीं।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल स्क्रीनशॉट की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया, लेकिन हमें इस तरह की कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ऐसी किसी घटना या फिर कोर्ट के इस तरह के किसी फैसले के बारे में लिखा गया हो।

हमने खुलदाबाद, महाराष्ट्र के पुलिस इंस्पेक्टर सीताराम म्हेत्रे से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि औरंगजेब टॉम्ब उन्हीं के कार्यक्षेत्र में आता है और इस तरह की कोई घटना यहां रिपोर्ट नहीं हुई है। वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है।

हमने वायरल स्क्रीनशॉट को गौर से देखा तो पाया कि आर्टिकल की हेडलाइन में दो जगह फुलस्टॉप (.) का इस्तेमाल किया गया है, जबकि कभी भी हेडलाइन में फुलस्टॉप का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसके अलावा इस आर्टिकल के साथ कहीं हमें आर्टिकल प्रकाशित होने की तारीख भी नहीं दिखी, जबकि इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर पब्लिश होने वाली हर खबर के साथ तारीख जरूर लिखी होती है।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने द इंडियन एक्सप्रेस डिजिटल के एडिटर नंदगोपाल राजन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि उनके यहां इस तरह की कोई खबर नहीं चलाई गई है और वायरल स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया लगता है। इसे अगर ध्यान से देखा जाए तो इसमें न तो कहीं डेटलाइन नजर आती है और न ही इस तरह की खबरें इलेक्शन कैटेगरी में पब्लिश की जाती हैं।

हमने वायरल पोस्ट में दिख रही कब्र की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च से ढूंढा तो हमने पाया कि यह तस्वीर औरंगजेब टॉम्ब की ही है। commons.wikimedia.org पर इस तस्वीर के साथ पीपी यूनुस को क्रेडिट दिया गया है और इसके अनुसार यह तस्वीर अक्टूबर 2013 को यहां अपलोड की गई थी। ​

अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाले पेज CKMKB की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस पेज के 19390 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर्स की मदद से तैयार किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट