Fact Check: वायरल तस्वीर तुर्किये की मस्जिद की नहीं, बल्कि बर्लिन स्थित फील्ड स्टेशन की है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर जर्मनी के बर्लिन में बने NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका) के एक पुराने खुफिया स्टेशन की फोटो है। इस तस्वीर का मस्जिद या तुर्किये से कोई लेना- देना नहीं है, वायरल किया जा रहा दावा फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मुगल शासकों पर निशाना साधते हुए एक बार फिर से सोशल मीडिया के अलग- अलग प्लेटफार्म पर एक बिल्डिंग की तस्वीर को वायरल किया जा रहा है। तस्वीर को शेयर करते यूजर दावा कर रहे हैं कि यह तुर्किये में बनी एक मस्जिद की फोटो है।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर जर्मनी के बर्लिन में बने NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका) के एक पुराने खुफिया स्टेशन की फोटो है। इस तस्वीर का मस्जिद या तुर्किये से कोई लेना- देना नहीं है, वायरल किया जा रहा दावा फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”यह  #टर्की की  #मस्जिद है बाकी डिजाइन से आप अंदाजा लगा ले…. कोई भी इस गलतफहमी में ना रहे कि ताजमहल, लालकिला इन फटीचरों ने बनाया होगा।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल तस्वीर को सर्च किया। सर्च में हमें यह फोटो शटर स्टॉक की वेबसाइट पर अपलोड हुई मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, यह बर्लिन स्थित एनएसए का खुफिया टावर है।

इसी बुनियाद पर अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए सर्च करने पर वायरल तस्वीर रॉयटर्स की वेबसाइट पर छपे एक आर्टिकल में मिली। यहां इस फोटो के कैप्‍शन में गई जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के पूर्व लिसनिंग (कॉल्स को सुनने को वाला) स्टेशन के एंटीना बर्लिन में तुफेल्सबर्ग पहाड़ी या डेविल्स माउंटेन पर दिखे हैं। इस तस्‍वीर को रॉयटर्स के फोटोग्राफर फैब्रिजिओ बेंसच ने 5 नवंबर 2013 को खींचा था। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज इससे पहले भी इस तस्वीर का फैक्ट चेक कर चुका है और उस वक्त हमने रॉयटर्स के फोटोग्राफर फैब्रिजिओ बेंसच से ईमेल के जरिये संपर्क किया था। और रॉयटर्स के न्‍यूज फीचर्स जर्मनी के सीनियर एडिटर इन चार्ज Joachim Herrmann ने हमें विकीपीडिया पर मौजूद तस्‍वीर के बारे में जानकारी का लिंक भेजते हुए बताया था कि यह तस्‍वीर तुर्किये  की मस्जिद की नहीं, बल्कि बर्लिन में बने सेंटर की है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज को एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।  

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर जर्मनी के बर्लिन में बने NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका) के एक पुराने खुफिया स्टेशन की फोटो है। इस तस्वीर का मस्जिद या तुर्किये से कोई लेना- देना नहीं है, वायरल किया जा रहा दावा फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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