विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। तस्वीर का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में एक शोभायात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद से सोशल मीडिया में फर्जी पोस्टों के फैलने का सिलसिला कायम है। अब सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर एक तस्वीर तेज़ी से वायरल हो रही है। तस्वीर में कुछ लोगों को देखा जा सकता है, जिसके हाथों में तलवार और भगवा ध्वज है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के दौरान की है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमारी पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल तस्वीर लगभग एक दशक से इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस तस्वीर का जहांगीरपुरी इलाके में हुई घटना से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर नरेंद्र चौधरी ने 19 अप्रैल को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘ये दिल्ली में जहांगीर पुरी में हुई शोभा यात्रा की तस्वीर है। आप इन युवाओं की शक्लें देखिए और इनकी उम्र का अंदाज़ा लगाइए। इनकी पढ़ने लिखने की उम्र या नौकरी रोज़गार करने की उम्र है। लेकिन इनके हाथो में हथियार है। आखिर नफरतवादी लोग देश के भविष्य को किस ओर ले जाना चाहे है, तस्वीरो से साफ दिखाई दे रहा है।’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं। इस पोस्ट को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल की सहायता से सर्च किया। जहां हमें तस्वीर से संबंधित कई रिपोर्ट्स मिली। एशिया न्यूज वेबसाइट पर 29 अप्रैल 2010 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर कर्नाटक की है, जहां बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाइयों पर हमला किया है। रिपोर्ट में आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात भी कही गई है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
ऑक्यूपाइड कश्मीर नाम के लोकल वेबसाइट पर भी यह तस्वीर अपलोडेड मिली। 15 अगस्त 2013 को प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि तस्वीर जम्मू के किश्तवाड़ इलाके में हुई हिंसा की है। रिपोर्ट में वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है, “मुस्लिम विरोधी दंगों के दौरान तलवारों से लैस जम्मू में भारतीय हिंदू कट्टरपंथियों ने कब्जा कर लिया।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
अब तक की पड़ताल में यह पता चला कि यह तस्वीर पिछले कई सालों से जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक के नाम से इंटरनेट पर वायरल है। अब इसे जहांगीरपुरी हिंसा के नाम से वायरल किया जा रहा है। विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि यह तस्वीर कहां की है, लेकिन सबसे पुरानी तस्वीर 2010 से इंटरनेट पर मौजूद है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दिल्ली के जहांगीरपुरी के दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर धनंजय से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल तस्वीर जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के दौरान हुई घटना की नहीं है। वायरल दावा झूठा है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में तस्वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर नरेंद्र चौधरी हरियाणा के यमुना नगर में रहते हैं। उनके फेसबुक पर 4.9 हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। तस्वीर का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है।
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