Fact Check: 2012 में मुंबई के आजाद मैदान की हिंसक रैली की तस्वीर को गाजा हिंसा से जोड़कर किया जा रहा शेयर

11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक होने के दौरान अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाए जाने की तस्वीर को इजरायल-हमास संघर्ष के संदर्भ में भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्नास न्यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में एक युवक को अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर मुंबई की है, जब मुंबई के आजाद मैदान में फिलिस्तीनी गाजा पट्टी के समर्थन में जुटी मुस्लिमों की भीड़ में शामिल एक युवक ने ऐसा किया था।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल तस्वीर मुंबई की ही है, लेकिन इसका इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। 2012 में असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुबंई के आजाद मैदान में हुई हिंसा के दौरान हिंसक भीड़ ने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाया था और यह तस्वीर उसी हिंसा से संबंधित है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘सनातन हिंन्दू धर्म’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “अगर अभी देश में कांग्रेस की सरकार होती तो अब तक हमारे शहरों में जिहादी भीड़ ग़ाज़ा पट्टी के समर्थन में काफ़ी सरकारी सम्पत्तियों को जला चुकी होती…. 11 अगस्त 2012 इसी फिलिस्तीनी गाजा पट्टी के समर्थन में 5 लाख मुसलमानो की भीड़ मुंबई आजाद मैदान में इकट्ठा हुई और पूरे मुंबई को बर्बाद कर दिया,,,, कुछ याद है या समय के साथ ये अमर बलिदानियों का अपमान भी भूल गए.”

इजरायल-हमास संघर्ष से जोड़कर वायरल की जा रही तस्वीर।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

सोशल मीडिया पर यह तस्वीर कुछ साल पहले भी वायरल हुई थी और इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया था। विश्वास न्यूज ने तब इस तस्वीर के साथ किए गए दावे की जांच की थी और पाया था कि यह 11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में हुई रैली से संबंधित तस्वीर है, जब असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक हो गई थी और उत्पातियों ने सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया था।

इसी रैली के दौरान दो युवकों ने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाया था, जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार किया। रिपोर्ट के मुताबिक, अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाने वाले युवकों की पहचान शाहबाज अब्दुल कादिर शेख और अब्दुल कादिर मोहम्मद यूनुस अंसारी के तौर पर हुई थी। हमारी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

एनडीटीवी की 14 अगस्त 2012 की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई पुलिस मिड डे के फोटो जर्नलिस्ट अतुल कांबले की तस्वीर के आधार पर उन उत्पातियों की तलाश कर रही है, जिन्होंने आजाद मैदान स्थित शहीद मेमोरियरल को नुकसान पहुंचाया था।

एनडीटीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित 14 अगस्त 2012 की रिपोर्ट, जिसमें वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स के तौर पर मिड-डे को क्रेडिट दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन तस्वीरों को मिड-डे के सीनियर फोटोग्राफर काबंले ने क्लिक किया था और इस दौरान कांबले पुलिसिया कार्रवाई की चपेट में भी आ गए थे। लेकिन अब उनकी खींची गई तस्वीरें मुंबई पुलिस के लिए वरदान साबित हुई है।

विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर हमारे सहयोगी मिड-डे के फोटोग्राफर अतुल कांबले से संपर्क किया था। अतुल कांबले ने विश्वास न्यूज को बताया, “यह तस्वीर 2012 में हुए विरोध प्रदर्शन की है, जब असम और म्यांमार में मुस्लिमों के खिलाफ दंगे हुए थे और उसके विरोध में रजा एकेडमी ने मुंबई में प्रदर्शन का आह्वान किया था। यह विरोध प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया और उसी दौरान मैंने यह तस्वीर ली।”

वायरल तस्वीर को गलत रंग देकर शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। इजरायल-फिलिस्तीन से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: 11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक होने के दौरान अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाए जाने की तस्वीर को इजरायल-हमास संघर्ष के संदर्भ में भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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