Fact Check : 2018 की मेरठ की घटना के वीडियो को हाल फिलहाल का बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। वर्ष 2018 की घटना को हाल फिलहाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : 2018 की मेरठ की घटना के वीडियो को हाल फिलहाल का बताकर किया गया वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 59 सेकंड का एक वीडियो इनदिनों जोरशोर से वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस की एक गाड़ी में एक महिला को बैठे हुए देखा जा सकता है। जिसके साथ पुलिसवाले अभ्रदता कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इन घटना को हाल फिलहाल का बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। दरअसल यह यूपी के मेरठ की पुरानी घटना है। इस केस में चारों पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड भी कर दिया गया था। हाल फिलहाल में ऐसी कोई घटना मेरठ में नहीं हुई है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज आई एम विथ जहांगीर ने 10 जुलाई को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा : ‘UP, मुस्लिम पुरुष से दोस्ती करने पर Meerut पुलिस ने हिंदू महिला से गली गोलोच और मार पीट की।’ इस पोस्‍ट के साथ यूजर ने यूपी पुलिस, योगी, मोदी, राहुल गांधी जैसे हैस टैग का इस्‍तेमाल किया।

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की तह में जाने के लिए सबसे पहले इसमें इस्‍तेमाल किए गए वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। वायरल वीडियो से जुड़ी खबरें हमें कई वेबसाइट पर पुरानी तारीख में पब्लिश मिली। डीएनएइंडिया डॉट कॉम ने इससे संबंधित खबर को 26 सितंबर 2018 को प्रकाशित किया था। इस खबर में वायरल वीडियो के स्‍क्रीनशॉट का भी इस्‍तेमाल किया गया था। खबर में बताया गया कि हिंदू महिला की मुस्लिम शख्‍स से दोस्‍ती के कारण पुलिसवालों ने इस महिला के साथ अभ्रदता की। मारपीट के अलावा अभ्रद शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते हुए इसे गाली भी दी। जिसके बाद इन पुलिसवालों को सस्‍पेंड कर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

इससे जुड़ी खबर कैच न्‍यूज की वेबसाइट पर भी मिली। 26 सिंतबर 2018 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि सोशल मीडिया में एक महिला के साथ पुलिसकर्मियों की अभ्रदता के बाद इन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया गया। घटना मेरठ की थी। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें।

26 सिंतबर 2018 को आजतक की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में बताया गया कि मेरठ में हिंदू छात्रा से बदसलूकी करने के मामले में चारों सिपाहियों को तत्‍काल निलंबित कर दिया। इसमें हेड कांस्‍टेबल सलेख चंद, कांस्‍टेबल नीटू और महिला कांस्‍टेबल प्रियंका सिंह थे। गाड़ी में एक होमगार्ड का जवान भी मौजूद था, जिसे नौकरी से बर्खास्‍त कर दिया गया। संबंधित खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण डिजिटल मेरठ के प्रभारी प्रेम दत्त भट्ट से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए स्‍पष्‍ट किया कि वायरल वीडियो वाली घटना 2018 की है। हाल फिलहाल में ऐसा कोई मामला मेरठ में सामने नहीं आया है।

अब बारी थी पुरानी घटना के वीडियो को वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक पेज ‘आई एम विथ जहांगीर’ की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर के पेज को 12 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। वर्ष 2018 की घटना को हाल फिलहाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।

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