जोधपुर में एक वकील की हत्या से जुड़े वीडियो को कुछ लोग सांप्रदायिक एंगल के साथ वायरल कर रहे हैं। इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्स पर हमला करते हुए कुछ लोगों को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर इसे इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि राजस्थान के दूदू के शिव मंदिर में धर्म विशेष के लोगों ने पुजारी और उसके परिवार पर हमला कर दिया। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुआ। दरअसल जोधपुर में एक वकील की हत्या से जुड़े वीडियो को कुछ लोग सांप्रदायिक एंगल के साथ वायरल कर रहे हैं। इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं था। पड़ताल में यह भी पता चला कि जयपुर जिले के दूदू में पड़ोसियों की लड़ाई के बाद एक व्यक्ति ने एक वीडियो बनाकर फर्जी दावा किया था कि धर्म विशेष के लोगों ने इस पर हमला किया था। इस वीडियो का खंडन खुद पुलिस की ओर से किया जा चुका है।
फेसबुक यूजर लखसिंह डी राजपुरोहित ने 21 फरवरी को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा, “ये है राजस्थान की सरकार का हिन्दुवों को तोहफा, महादेव मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का हमला,मंदिर के पुजारी और उनके परिवार पर भी कट्टरपंथियों ने किया हमला। महाशिवरात्रि की तैयारी कर रहे थे पुजारी और उनका परिवार। घटना राजस्थान के दूदू स्थित सेलास्वर महादेव मंदिर की।”
पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की सत्यता का पता लगाने के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल के माध्यम से कई कीफ्रेम्स निकाले गए। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से सर्च करना शुरू किया। भास्कर डॉट कॉम पर चार दिन पहले प्रकाशित एक खबर में वायरल वीडियो भी मिला। इसमें बताया गया,“18 फरवरी को जोधपुर में 55 साल के वकील जुगराज चौहान की अनिल और मुकेश ने चाकू और पत्थर से हमला कर हत्या कर दी। इस मामले में दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया था। इसमें तीसरे आरोपी जिसने फोन कर वकील को घर से बुलाया था, उसे भी दस्तयाब कर लिया गया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस मामले में अब तक 3 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। जिस जगह आरोपियों अनिल और मुकेश ने वकील जुगराज चौहान का चाकू और पत्थर से मर्डर किया, उससे 100 मीटर की दूरी पर 12 अगस्त 2020 को उनके 18 साल के बेटे लोकेश का एक्सीडेंट हुआ था। एक्सीडेंट में लोकेश की मौत हो गई थी। वकील जुगराज ने एक्सीडेंट का आरोप अनिल और मुकेश पर लगाया था। आरोप था कि बेटे को कार से टक्कर मारकर दोनों ने उसकी हत्या कर दी और मर्डर को एक्सीडेंट का रूप दे दिया।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
घटना से जुड़ी खबर जागरण डॉट कॉम पर भी मिली। 19 फरवरी को पब्लिश खबर में बताया गया,“राजस्थान के जोधपुर शहर से एक दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिनदहाड़े एक वकील की आपसी रंजिश के चलते कुछ बदमाशों ने बीच सड़क पर उनकी हत्या कर दी। जुगराज के बेटे की 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, जिसमें अनिल और मुकेश नामजद आरोपी हैं। बताया जा रहा है कि किसी प्लॉट को लेकर भी आरोपियों का वकील से विवाद चल रहा था। वहीं, वकील पिछले 3 साल से अपने बेटे की मौत का केस लड़ रहा था।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान घटना से जुड़ी खबर कई न्यूज चैनलों के यूट्यूब अकाउंट पर भी मिली। 19 फरवरी को न्यूज 18 राजस्थान के यूट्यूब चैनल पर वकील की हत्या के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर खबर अपलोड की। इसमें बताया गया,“खबर जोधपुर से है। यहां हत्या की वारदात का मामला सामने आया है। चाकू से गोदकर वकील की हत्या कर दी गई। वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।”
सर्च के दौरान एएनआई हिंदी न्यूज के ट्विटर हैंडल पर भी घटना का एक वीडियो मिला। घटना के सीसीटीवी को पोस्ट करते हुए लिखा गया,“राजस्थान: जोधपुर में एक वकील की चाकू मारकर हत्या का CCTV वीडियो सामने आया। जोधपुर ACP नजीम अली खान ने कहा, अनिल चौहान और मुकेश चौहान ने इस घटना को अंजाम दिया है। आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है, पूछताछ जारी है।”
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए जोधपुर के पत्रकार रंजन दवे से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो जोधपुर में हुए वकील हत्याकांड का है। इसमें कोई सांप्रदायिक या हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं है।
पड़ताल के दौरान हमें जयपुर ग्रामीण पुलिस के ट्विटर हैंडल पर दूदू के थानाधिकारी दूदू का एक वर्जन मिला। इसमें एक दूसरे वीडियो के बारे में विस्तार से बताते हुए बताया गया कि वीडियो में दूदू थानाधिकारी को बोलते हुए सुना जा सकता है कि महेश दायमा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस आशय से डाला गया कि जलेश्वर महादेव मंदिर की तैयारियों के वक्त मुस्लिमों ने उस पर हमला कर दिया। यह वीडियो निराधार और भ्रामक है। वायरल वीडियो की यह घटना कस्बा दूदू में खटीक समाज के दो हिन्दू पड़ोसियों के बीच बच्चों के अपने आपस में झगड़ा होने से संबंधित है, जिसमें पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर लखसिंह डी राजपुरोहित के अकाउंट को सात सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्यादा जानकारी इस अकाउंट पर नहीं मिली।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फर्जी साबित हुआ। जोधपुर में एक वकील की हत्या के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देने के लिए फर्जी दावा किया गया। जांच में पता चला कि दूदू के नाम पर ही एक दूसरा वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसका दूदू पुलिस की ओर से खंडन करते हुए बताया गया कि एक ही जाति के पड़ोसियों के झगड़े के बाद मुसलमानों के खिलाफ एक फर्जी वीडियो वायरल किया गया।
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