विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2020 में हुई एक घटना के वीडियो को हाल का ही बताकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर आठ सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला को आग की लपटों से घिरा हुआ देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इस महिला ने आज लखनऊ में खुद को आग लगा ली। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। 2020 के एक वीडियो को हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। लखनऊ पुलिस की ओर से भी इस पोस्ट को लेकर सफाई देते हुए कहा गया कि पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल न करें।
फेसबुक यूजर पीके मेवार ने 29 जुलाई को आठ सेकंड का एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘अरे हरामखोरो गधेड़ो लड़ना ही है तो इनके लिए लड़ो क्यों हिंदुस्तान के मंदिर रूपी संसद में माँ बेन करके भोली व गरीब जनता को क्यों चुटिया बना रहे हो! फिर हम कुछ लिखेंगे तो गुफापुत्रो के मिर्ची लगेगी गाम में तुम्हारी वजह से इनको क्यों भला बुरा सुनवाते हो महोदय. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने आग की लपटों में घिरी हुई धूँ धूँ करके जलती ये महिला अमेठी की है, स्थानीय गुंडों और प्रशासन की उदासीनता से परेशान इस महिला ने आज लखनऊ में ख़ुद को आग लगा ली। हकीकत बयां है ऊपर ना ले कोई।’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत ऑनलाइन टूल से की। इसके लिए सबसे पहले वायरल वीडियो में से कुछ कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। पुरानी तारीख से यह वीडियो हमें कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म और न्यूज वेबसाइट पर मिला। दो साल पहले 2020 को इस वीडियो का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि यूपी के विधानसभा भवन व मुख्यमंत्री ऑफिस के बाहर खुद को आग लगाने वाली महिला सोफिया की मौत हो गई। उसकी बेटी ने भी उसके साथ आत्मदाह की कोशिश की थी। घटना 17 जुलाई 2020 की थी। खबर में बताया गया कि दोनों अमेठी के जामो थाना इलाके के रहने वाले थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान यूपी पुलिस फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस वीडियो से संबंधित यूपी पुलिस का एक फैक्ट चेक मिला। इसमें बताया गया कि वर्ष 2020 के प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही की जा चुकी है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट न करें।
लखनऊ पुलिस ने 28 जुलाई 2022 को वायरल पोस्ट के साथ भ्रामक दावा करने वाले यूजर को कमेंट करके बताया कि उक्त वीडियो वर्ष 2020 का है, जिसमें उचित विधिक कार्यवाही की जा चुकी है। कृपया अफवाह न फैलायें।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ अपराध संवाददाता ज्ञान कुमार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो एक पुरानी घटना से जुड़ा हुआ है। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
विश्वास न्यूज ने 2020 के वीडियो को अब वायरल करने वालू यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर पीके मेवार की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर जोधपुर के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को 1500 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2020 में हुई एक घटना के वीडियो को हाल का ही बताकर वायरल किया जा रहा है।
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