Fact Check : मध्‍य प्रदेश के धराशायी हुए पुल के वीडियो को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का बताकर फैलाया गया भ्रम

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जिस वीडियो को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह मध्‍य प्रदेश में पिछले दिनों क्षतिग्रस्‍त हुए ब्रिज का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर 24 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक टूटी हुई सड़क को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि वायरल वीडियो का बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे से कोई संबंध नहीं है। यह मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल को होशंगाबाद से जोड़ने वाले ब्रिज का वीडियो है। पिछले दिनों भारी बारिश के बाद यह टूट गया। अब कुछ लोग इस वीडियो को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मनोज चौधरी लंकेश ने 26 जुलाई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के हालात..अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी इसी एक्सप्रेस-वे का उद्घघाटन किए हैं।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च टूल का सहारा लिया। बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे जैसे कीवर्ड का इस्‍तेमाल करते हुए सर्च किया। पता चला कि पिछले दिनों लोकार्पण के कुछ ही दिनों बाद इस एक्‍सप्रेस-वे के कुछ जगहों पर नुकसान की खबर आई। अमर उजाला डॉट कॉम की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में बताया गया कि एक्‍सप्रेस-वे के लोकार्पण के पांच दिन बाद पहली बारिश के बाद जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। इस खबर को टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने भी 22 जुलाई को कवर किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए जालौन के दैनिक जागरण अखबार को खंगालना शुरू किया। 22 जुलाई को जालौन संस्‍करण में एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि तेज वर्षा के कुछ ही दिन बाद बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे की सड़क धंस गई। टीम भेजकर सड़क दुरुस्‍त कराई गई। पीएम मोदी ने इसका शुभारंभ 16 जुलाई को कैथेरी टोल प्‍लाजा के पास से किया था। पूरी खबर नीचे पढ़ें।

अब तक की पड़ताल में यह साबित हो गया कि बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे को बारिश के कारण नुकसान तो हुआ था, लेकिन वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किया गया वीडियो इस एक्‍सप्रेस-वे का नहीं है। अब हमें यह जानना था कि वायरल वीडियो कहां का है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने इनविड टूल का इस्‍तेमाल किया। इसके माध्‍यम से कई कीफ्रेम्‍स निकाले गए। फिर इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया गया। वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो हमें कांग्रेस नेता कमल नाथ के ट्विटर हैंडल पर मिला। इसे 25 जुलाई को अपलोड करते हुए लिखा गया कि मध्य प्रदेश में भोपाल-होशंगाबाद को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे का यह मंडीदीप का पुल पहली बारिश ही नहीं झेल पाया।

सर्च के दौरान टाइम्‍स ऑफ इंडिया के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिला। 25 जुलाई को अपलोड करते हुए बताया गया कि पहली बारिश के बाद ही भोपाल और होशंगाबाद के बीच के नया ब्रिज को नुकसान पहुंचा।

https://www.youtube.com/watch?v=wW8ofqE6FtA

लाइव हिन्दुस्‍तान वेबसाइट ने 25 जुलाई को एक खबर पब्लिश करते हुए बताया गया कि पुल पहली बारिश ही नहीं झेल पाया और इसका एक हिस्सा धराशायी हो गया। भोपाल से सटे मंडीदीप में स्थित यह पुल कलियासोत नदी के तेज प्रवाह के आगे नहीं टिक पाया और इसका एक तरफ का हिस्सा गिर गया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने नईदुनिया, भोपाल के ब्‍यूरो प्रमुख धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह वीडियो भोपाल के पास का है। नेशनल हाईवे 12 की यह दशा पिछले दिनों देखने को मिली।

पड़ताल के अंत में मध्‍य प्रदेश के टूटे हुए पुल के वीडियो को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर मनोज चौधरी लंकेश के चार हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। यूजर को पांच हजार से ज्‍यादा लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। यह अकाउंट फरवरी 2016 को बनाया गया। यूजर औरैया का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। जिस वीडियो को बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह मध्‍य प्रदेश में पिछले दिनों क्षतिग्रस्‍त हुए ब्रिज का है।

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