विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक निकला। यूपी के शाहजहांपुर के पुराने वीडियो को अब मध्य प्रदेश के रीवा का बताकर भ्रम फैला जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 1:45 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्स को दूसरे शख्स की बेरहमी से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को मध्य प्रदेश का बताते हुए वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के रीवा में एक भाजपा नेता ने पंचायत सचिव की पिटाई की। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पहले भी जांच की थी। पड़ताल में पता चला कि वीडियो का मध्य प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह यूपी का पुराना वीडियो है। ओरिजनल वीडियो यूपी के शाहजहांपुर का है। कुछ महीने पहले यही वीडियो बांदा के नाम से वायरल हुआ था। उस वक्त विश्वास न्यूज ने इसकी विस्तार से जांच की थी।
फेसबुक यूजर राकेश पटेल ने 23 जुलाई को एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘म.प्र. रीवा में “पंचायत सचिव” ने हिस्सा नहीं पहुंचाया तो भाजपा के जोशीले नेता जी ने धून दिया,, पंचायत सचिव को उठक बैठक लगवाई और मुर्गा बनाकर रखा।’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। इसके लिए ऑनलाइन टूल इनविड की मदद ली गई। सर्च के दौरान वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत के ट्विटर हैंडल पर यह वीडियो मिला। इसे 24 अप्रैल 2022 को पोस्ट करते हुए वीडियो में पिटाई करते हुए शख्स को भदोही जिले के ज्ञानपुर का विधायक बताया गया। इस पोस्ट पर आए कमेंट से पता चला कि राणा यशवंत का दावा झूठा था। आशीष मिश्रा नाम के एक ट्विटर यूजर ने शाहजहांपुर पुलिस का वर्जन मिला। इस वीडियो में एसपी सिटी वायरल वीडियो को लेकर सच्चाई बता रहे हैं। शाहजहांपुर पुलिस ने 16 अप्रैल 2022 को एसपी सिटी का बयान जारी किया था। वीडियो में शाहजहांपुर के अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार को बोलते हुए देखा जा सकता है कि आरोपी प्रतीक तिवारी ने राजीव भारद्वाज की पिटाई की थी।
गूगल सर्च के दौरान हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 16 अप्रैल 2022 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि यूपी के शाहजहांपुर में युवक की बेहरमी से पिटाई का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो शाहजहांपुर के सदर थाना क्षेत्र का है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पिछली पड़ताल के दौरान विश्वास न्यूज ने शाहजहांपुर के अपर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार से भी संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि इस केस में प्रतीक तिवारी समेत पांच लोगों को अरेस्ट किया गय था। वीडियो में कोई विधायक नहीं है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया, रीवा के ब्यूरो प्रमुख नीलांबुज पांडे से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो रीवा का नहीं है। यह कई दिन से वायरल हो रहा है।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर राकेश पटेल की जांच की गई। इसी यूजर ने यूपी के पुराने वीडियो को मध्य प्रदेश का बताकर वायरल किया। फेसबुक यूजर राकेश पटेल के पांच सौ से ज्यादा फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक निकला। यूपी के शाहजहांपुर के पुराने वीडियो को अब मध्य प्रदेश के रीवा का बताकर भ्रम फैला जा रहा है।
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