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Fact Check : सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है

सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को अब जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो पुराना है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। इसके बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। 15 सेकंड की वीडियो क्लिप में एक युवक को सिख पगड़ी पहनते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो साल 2022 का है, जब दिवंगत पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास पर ‘दस्तार लंगर’ लगाया गया था। वीडियो का पहलवानों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है। पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

फेसबुक पेज ‘Dream Akhand Bharat’ ने 9 मई को वायरल क्लिप को शेयर करते हुए लिखा है, “यही किसान हर महीने जंतर मंतर पहुंचते हैं?? नकली किसान भी यही होते हैं, असली आतंकवादी भी और केरला स्टोरी के विलन भी यही……

शर्म करो, देश के पहले ही बहुत टुकड़े हो चुके है और कितने करोगे??????”

ट्विटर पर भी इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है। कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

https://twitter.com/Aru801_/status/1655184876109467650

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने वीडियो को ध्यान से देखा। इसपर पंजाबी भाषा में लिखा है ,”दस्तार सिखाई कैंप भाई सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास पर।” हमने इसी कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान वायरल वीडियो हमें ‘सरदारियां ट्रस्ट पंजाब’ के फेसबुक पेज पर मिला। 10 जून 2022 को अपलोड वीडियो के साथ पंजाबी में कैप्शन लिखा गया है। जिसका हिंदी अनुवाद है,”मूसेवाला की अंतिम अरदास ‘सरदारियां ट्रस्ट’ ने लगाया पगड़ियों का  लंगर, मुसलमान और हिंदू भाइयों ने भी कहा- हमें भी पगड़ी सजानी है।”

‘सरदारियां ट्रस्ट पंजाब’ ने अपने फेसबुक पेज पर वायरल वीडियो से जुड़ी तस्वीर को 12 जून 2022 को शेयर किया है। यहां वायरल वीडियो से जुड़ी तस्वीर के साथ और भी कई तस्वीरें शेयर की गई है और भी कई फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है।

सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो ‘अकाल चैनल’ के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। 12 जून 2022 को  अपलोड वीडियो में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्यों को देखा जा सकता है। वीडियो में पीछे वही बैकग्राउंड नज़र आ रहा है, जो वायरल वीडियो में है।

पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला पर मानसा के जवाहरके गांव में अज्ञात हमलावरों ने 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी थी। जून 2022 को मानसा की अनाज मंडी में सिद्धू की अंतिम अरदास रखी थी , जिसमें बड़ी संख्या में धार्मिक, राजनीतिक और फिल्मी और गीत-संगीत की दुनिया के कलाकार पहुंचे थे।

वायरल वीडियो को लेकर हमने सिद्धू मूसेवाला की मौत से जुड़ी सभी खबरों को कवर करने वाले पंजाबी जागरण मानसा के रिपोर्टर हरकृष्ण शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वीडियो सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास का है। अंतिम अरदास के समय दस्तार का लंगर लगाया गया था।”

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर 1 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को अब जंतर-मंतर पर चल रहे पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो पुराना है।

  • Claim Review : वायरल वीडियो पहलवानों के प्रदर्शन का है।
  • Claimed By : फेसबुक पेज -Dream Akhand Bharat
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