विश्वास न्यूज की जांच में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और जालौर में मारे गए छात्र के समर्थन के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वीडियो का उनसे कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो केरल से मक्का के लिए रवाना हुए शिहाब चित्तूर की यात्रा का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव में एक 9 वर्षीय दलित छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के बाद से ही कई प्रकार के झूठ सोशल मीडिया पर वायरल हैं। अब भीड़ के एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि छात्र इंद्र मेघवाल को न्याय और चंद्रशेखर आजाद की रिहाई के लिए युवा सड़क पर उतरे। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा झूठा साबित हुआ। वायरल वीडियो हज के लिए पैदल निकले शिहाब चित्तूर का है। इस वीडियो का इंद्र मेघवाल केस से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर मनीष जाटव ने 18 अगस्त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जी की रिहाई एवं भाई इंद्र मेघवाल की न्याय की आवाज बुलंद करने सड़को पर उतरा बहुजन युवा साथियो का धन्यवाद! पूरी मजबूती से इन सरकारों को जगाने का प्रयास करेंगे जय भीम जय मंडल जय जोहार।
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें हमें कई लोग धर्म विशेष की टोपी पहने हुए नजर आए। इसके अलावा वीडियो में एक शख्स के चारों ओर गुलाबी टीशर्ट पहने हुए युवा दिखे, जो कि शख्स को घेरकर चलते हुए दिखे।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाला। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज व यान्डेक्स सर्च टूल के जरिए सर्च किया। वायरल वीडियो हमें एक फेसबुक पेज पर मिला। इसे 18 अगस्त को अपलोड करते हुए बताया गया कि केरल से मक्का जाने वाले शिहाब का यह वीडियो राजस्थान के परबतसर का है। इस वीडियो को 17 अगस्त को नागौर के परबतसर में बनाया गया था। पूरा वीडियो यहां देखें।
सर्च के दौरान एक वीडियो पब्लिकवाइब नाम की वेबसाइट मिला। इसमें उन लोगों को साफ देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में थे। उनके कपड़े भी एक ही जैसे दिखे। वीडियो में बताया गया कि केरल से पैदल हज यात्रा पर निकले शिहाब चित्तूर पहुंचे परबतसर। पूरा वीडियो यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नागौर के वरिष्ठ पत्रकार अबरार अहमद से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह वीडियो मेगा हाईवे का है। इसका भीम आर्मी से कोई संबंध नहीं है। वीडियो केरल से मक्का के लिए रवाना हुए शिहाब चित्तूर है।
गौरतलब है कि भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने जोधपुर एयरपोर्ट पर रोककर सड़क मार्ग से वापस रवाना कर दिया था।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर मनीष जाटव मध्य प्रदेश के गुना के रहने वाले हैं। वे भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी से जुड़े हुए हैं। इनके अकाउंट को 3.6 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और जालौर में मारे गए छात्र के समर्थन के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वीडियो का उनसे कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो केरल से मक्का के लिए रवाना हुए शिहाब चित्तूर की यात्रा का है।
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