Fact Check : तेज धूप में बच्‍ची के हाथ-पैर बांधकर छत पर छोड़ने का वीडियो एक साल बाद वायरल

दिल्‍ली के खजूरी खास इलाके में पिछले साल जून में एक औरत ने अपनी बच्‍ची के हाथ-पैर बांधकर छत पर छोड़ दिया गया। जिसके बाद इसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें तेज धूप में हाथ-पैर बंधी हुई एक बच्‍ची को छत पर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस बच्‍ची के वीडियो को वायरल करते हुए इसे अभी का बता रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। दिल्‍ली की पुरानी घटना के वीडियो को अभी का बताकर वायरल किया जा रहा है। दिल्‍ली के खजूरी खास इलाके में पिछले साल जून में एक औरत ने अपनी बच्‍ची के हाथ-पैर बांधकर छत पर छोड़ दिया गया। जिसके बाद इसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘हिन्दू साधना वार्ष्णेय’ ने 9 मई को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा, बच्ची को बचाओ। ज्यादा से ज्यादा शेयर करो। इस मासूम बच्ची की जिंदगी का सवाल है।

वीडियो को हालिया समझकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। पोस्‍ट के आधार पर कीवर्ड बनाकर सर्च करने पर कई वेबसाइट पर संबंधित घटना से जुड़ी खबरें मिलीं। पंजाब केसरी डॉट कॉम ने 9 जून 2022 को अपनी पब्लिश खबर में बताया कि घटना पिछले साल 2 जून को दिल्‍ली के खजूरी खास इलाके में हुई। बच्ची होमवर्क नहीं कर रही थी, इसलिये मां ने उसके हाथ-पैर बांध दिये और उसे छत पर छोड़ आई थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस सिलसिले में बच्ची की मां के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

घटना से जुड़ी खबर एबीपीलाइव डॉट कॉम पर भी मिली। 8 जून 2022 को पब्लिश खबर में बताया गया, “दिल्ली के खजूरी खास में एक परिवार ने किसी गैर के साथ नहीं, बल्कि अपनी ही बच्ची के साथ यह कारनामा कर डाला है. बच्ची का कसूर बस इतना है कि उसने होमवर्क नहीं किया था. इससे गुस्साई उसकी अपनी ही मां जिसे ममता की मूरत कहा जाता है वो उसके लिए हैवान बन गई. लगभग छह साल की इस बच्ची की मां ने उसे हाथ-पैर बांध तेज धूप में छत पर छोड़ दिया. बच्ची रोती-चिल्लाती और छटपटाती रही, लेकिन मां का दिल नहीं पिघला.किसी ने इस घटना का वीडियो बना इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया और ये घटना पुलिस की नजर में आई।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दैनिक जागरण, नई दिल्‍ली के वरिष्‍ठ क्राइम रिपोर्टर राकेश कुमार सिंह से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो पुरानी घटना का है। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है।

पुरानी घटना के वीडियो को अभी शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘हिन्दू साधना वार्ष्णेय’ की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि इस पेज को सात हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर गोरखपुर की रहने वाली हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट भ्रामक है। एक साल पहले दिल्‍ली के खजूरी खास इलाके में घटी घटना के वीडियो को हाल-फिलहाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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