Fact Check : निर्वस्‍त्र करके विदेशी युवक की पिटाई के वीडियो को ओडिशा ट्रेन एक्‍सीडेंट से जोड़कर किया गया वायरल

सभी दावा फर्जी साबित हुआ। विदेश के वीडियो को ओडिशा ट्रेन एक्‍सीडेंट से जोड़ते हुए झूठे और सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। ओडिशा में कुछ दिन पहले हुए रेल हादसे की जांच सीबीआई कर रही है। इस सिलसिले में कई लोगों से पूछताछ की गई है। इसी के बीच अब एक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में एक शख्‍स की कपड़े उतारकर बेरहमी से पिटाई की जा रही है। वीडियो के नीचे बाएं कोने में सफेद कपड़े पहने एक शख्‍स की तस्‍वीर का भी इस्‍तेमाल किया गया है।

सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। वीडियो को वायरल करते हुए बालासोर ट्रेन हादसे के आरोपी का नाम मोहम्‍मद शरीफ बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि स्‍टेशन मास्‍टर मोहम्‍मद शरीफ को सीबीआई ने एक मदरसे से पकड़ा है। इसके साथ एक वीडियो को भी वायरल किया जा रहा है। इसमें एक शख्‍स को नंगा करके बुरी तरह पिटते हुए दिखाया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। सभी दावा फर्जी साबित हुआ। विदेश के वीडियो को ओडिशा ट्रेन एक्‍सीडेंट से जोड़ते हुए झूठे और सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। ट्रेन एक्‍सीडेंट के वक्‍त स्‍टेशन मास्‍टर के फर्जी नाम के साथ भी एक पोस्‍ट वायरल हुई थी। विश्‍वास न्‍यूज ने 6 जून 2023 को इसकी पड़ताल की थी। पता चला कि मोहम्‍मद शरीफ नाम का कोई व्‍यक्ति रेलवे स्‍टेशन पर तैनात नहीं है। एक्‍सीडेंट के वक्‍त बहनागा रेलवे स्‍टेशन का प्रभार एस बी मोहंती के पास था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Yadramrana Yadramrana ने 22 जून को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “Braking news सबसे पहले इसी गरूप में बालासोर ट्रेन हादसे का मुख्य आरोपी मौ० शरीफ स्टेशन मास्टर पश्चिम बंगाल में मदरसे में छिपा था चढ़ा CBI के हत्थे CBI,ED,स्थानीय पुलिस सभी बारी बारी से पुछताछ करेगी।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

सबसे पहले बात करते हैं कि वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे की। इसमें दावा किया जा रहा है कि ट्रेन हादसे का मुख्‍य आरोपी स्‍टेशन मास्‍टर मोहम्‍मद शरीफ को सीबीआई ने मदरसे से पकड़ा। विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी मोहम्‍मद शरीफ नाम के साथ वायरल हुई फर्जी पोस्‍ट की जांच कर चुका है। उस वक्‍त पता चला कि बालासोर जिले के बहनागा में हुई दुर्घटना के वक्त स्टेशन मास्टर एस बी मोहंती मौजूद थे। विशुद्ध रूप से काल्पनिक और मनगढ़ंत दावा है, जिसके जरिए बालासोर रेल हादसे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी। नाम से जुड़ी पड़ताल को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है। गूगल ओपन सर्च से हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो सके कि किसी को मदरसे से पकड़ा गया है। दावा फर्जी साबित हुआ।

अब हमें पोस्‍ट के साथ वायरल किए जा रहे वीडियो के बारे में जानना था। इस वीडियो को ऐसे वायरल किया जा रहा है कि जैसे सीबीआई के अफसर मुस्लिम स्‍टेशन मास्‍टर की पिटाई कर रहे हों। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए वीडियो की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया गया। इसके लिए यान्‍डेक्‍स सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो हमें कई वेबसाइट पर मिली। अलाइव गोरे नाम की एक वेबसाइट पर असली वीडियो को अपलोड करते हुए बताया गया कि मैक्सिको में हथकड़ी पहने हुए चोर को नंगा करके पिटाई की गई।

यह वीडियो रेडिट पर भी मिला। इसे दो साल पहले अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि हथकड़ी बांधकर एक शख्‍स को बेरहमी से पीटा गया। यह वीडियो यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रवक्ता आदित्य कुमार चौधरी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी है। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया ट्रेन एक्‍सीडेंट के समय बहनागा रेलवे स्‍टेशन पर एस बी मोहंती नाम के स्‍टेशन मास्‍टर थे। मोहम्‍मद शरीफ एक फर्जी नाम है। उन्‍होंने वीडियो के बारे में बताते हुए कहा कि पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किया गया वीडियो भारत का नहीं है।

2 जून को बालासोर के बहनागा रेलवे स्‍टेशन के पास एक भीषण ट्रेन एक्‍सीडेंट हो गया था। इसमें 292 लोगों की मौत हो गई थी। फिलहाल सीबीआई इस हादसे की जांच कर रही है।

वायरल पोस्‍ट की जांच के अंत में यादराम राणा नाम के फेसबुक यूजर की जांच की गई। पता चला कि यूजर राजस्‍थान का रहने वाला है। एक विचारधारा से प्रभावित इस यूजर के अकाउंट पर हमें काफी वायरल कंटेंट दिखा।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी और सांप्रदायिक साबित हुई। ओडिशा ट्रेन हादसे के वक्‍त मोहम्‍मद शरीफ नाम का कोई स्‍टेशन मास्‍टर नहीं था। ना ही सीबीआई ने मदरसे से किसी को अरेस्‍ट किया है। जहां तक वायरल वीडियो की बात है तो वह दो साल से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका ट्रेन हादसे से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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