Fact Check: व्हाइट हाउस के चीफ मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त करने का दावा झूठा

व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइजर और US नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डाय़रेक्टर डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त करने का दावा गलत है। अमेरिका ने कोरोना वायरस को इंसानों द्वारा बनाया हुआ भी नहीं माना है। अमेरिका में रिपब्लिकन नेता Marjorie Taylor Greene ने बीते दिनों डॉक्टर फाउसी को उनके पद से हटाए जाने को लेकर बिल पेश किया था। उसी से जुड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है अमेरिका ने व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर एंथनी फाउसी को बर्खास्त कर दिया है। वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका ने मान लिया है कि कोरोना वायरस इंसानों ने बनाया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दोनों दावे झूठे निकले हैं। असल में अमेरिका में रिपब्लिकन नेता Marjorie Taylor Greene ने बीते दिनों डॉक्टर फाउसी को उनके पद से हटाए जाने को लेकर बिल पेश किया था। उसी से जुड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है। अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डाय़रेक्टर और व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइजर डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त नहीं किया गया है। अमेरिका ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, जैसा वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Muhammad Sadiq ने 22 जून 2021 को वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, ‘अब धीरे-धीरे अमेरिका से सारी सच्ची खबरें सामने आ रही हैं। डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त कर दिया गया। अमेरिका ने वायरस को इंसानों द्वारा बनाया मान लिया। डॉक्टर फाउसी के रूप में अमेरिका प्रशासन का पहला विकेट गिरा है। हालांकि, थोड़ी देर से।’ इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

इस वायरल वीडियो के साथ ऐसा ही मिलता-जुलता दावा The Rasub नाम के फेसबुक पेज पर भी किए गए पोस्ट में किया गया है। इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को गौर से देखा। करीब 2 मिनट से अधिक ड्यूरेशन के वीडियो में एक महिला प्रेस को संबोधित करते हुए दिख रही हैं और उनके साथ कुछ लोग खड़े हैं। मंच पर व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइजर और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डाय़रेक्टर डॉक्टर फाउसी की तस्वीर लगी है, जिसपर अंग्रेजी में लिखा है, ‘फाउसी झूठ बोलते रहे, लोग मरते रहे।’ हमने इस वीडियो में कही जा रही बातों को ध्यान से सुना। इस वीडियो में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करती हुई महिला को कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने फायर फाउसी एक्ट को पेश किया है। इसमें उनके द्वारा डॉक्टर फाउसी को लेकर कुछ आरोप लगाए जा रहे हैं।

हमने इस वायरल वीडियो को सबसे पहले InVID टूल में डालकर इसके कीफ्रेम्स हासिल किए। कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल करने पर हमें इससे मिलते-जुलते ढेरों परिणाम मिले। हमें यह वायरल वीडियो WSAV-TV के यूट्यूब चैनल पर मिला। यहां 16 जून 2021 को एक 36 मिनट 43 सेकंड लंबा वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसका शीर्षक है, Marjorie Taylor Greene, Buddy Carter push to oust Fauci (हिंदी- Marjorie Taylor Greene, Buddy द्वारा फाउसी को हटाने का प्रयास)। इस वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है। वायरल वीडियो इसी वीडियो का शुरुआती हिस्सा है।

कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यह वीडियो Now This News यूट्यूब चैनल पर भी मिला। 16 जून 2021 की इस वीडियो रिपोर्ट के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि Marjorie Taylor Greene और ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन डॉक्टर फाउसी को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने यहां से वीडियो में महिला की बातों और यूट्यूब पोस्ट से मिले क्लू के आधार पर इस मामले को आगे और सर्च किया। हमें रिपब्लिकन सदस्य Marjorie Taylor Greene की तरफ से फायर फाउसी एक्ट की घोषणा से संबंधित रिपोर्ट इंडिपेंडेंट की वेबसाइट पर भी मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिनों इस बिल का समर्थन बढ़ा है लेकिन डेमोक्रेट नियंत्रित सदन और सीनेट से इसके पास होने की संभावना नगण्य है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

16 जून 2021 को न्यूज एजेंसी एएफपी के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में भी इस इवेंट को कवर किया गया है। इसमें भी बताया गया है कि इस बिल के डेमोक्रेट नियंत्रित सदन में फ्लोर वोट पाने की संभावना नहीं है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए डॉक्टर फाउसी के बारे में इंटरनेट पर ओपन सर्च किया। आपको बता दें कि डॉक्टर फाउसी यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर होने के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति के चीफ मेडिकल एडवाइजर भी हैं। हमें अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के आधिकारिक साइट पर 22 जून 2021 की एक प्रेस रिलीज मिली। यह व्हाइट हाउस कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम और पब्लिक हेल्थ ऑफिशियल्स की ब्रीफिंग है। इस ब्रीफिंग में डॉक्टर फाउसी भी शामिल हैं। उस दिन की ब्रीफिंग में डॉक्टर फाउसी ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। इस प्रेस ब्रीफिंग को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

वायरल दावे की पड़ताल के लिए U.S. National Institute of Allergy and Infectious Diseases की आधिकारिक वेबसाइट पर भी गए। वेबसाइट के एबाउट सेक्शन में हमें डायरेक्टर के रूप में डॉक्टर फाउसी की ही प्रोफाइल मिली। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इन बातों से यह साफ जाहिर होता है कि डॉक्टर फाउसी के पास की आधिकारिक जिम्मेदारियां पहले जैसी ही हैं। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करती हो कि अमेरिका ने डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त कर दिया है।

इस पड़ताल के बाद हमने यह जानना चाहा कि क्या अमेरिका ने कोरोना वायरस को मानव निर्मित मान लिया है। हमने दावे के इस दूसरे हिस्से को भी जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया। हमें 21 जून 2021 को हमारे सहयोगी जागरण इंग्लिश की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर उसने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की असल जांच नहीं कराई तो उसे अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करना पड़ेगा। यह बात अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Jake Sullivan ने फॉक्स न्यूज को हाल में दिए एक इंटरव्यू में कही है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले दिनों जी7 लीडर समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच की मांग उठाई थी। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो अमेरिका की तरफ से आए ऐसे किसी आधिकारिक बयान की पुष्टि करती हो कि कोरोना वायरस इंसानों ने बनाया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल दावे को इंटरनेशनल अफेयर्स के एक्सपर्ट और Amity यूनिवर्सिटी में डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडी के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष शुक्ला संग साझा किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया, ‘पिछले दिनों रिपब्लिकन सांसद डॉक्टर फाउसी को लेकर हमलावर हुए हैं। उन्होंने डॉक्टर फाउसी को हटाने का विधेयक पेश किया है। वायरल वीडियो उसी से संबंधित है। अमेरिका कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए लगातार चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बना रहा है और इसकी बानगी जी7 लीडर्स बैठक में देखी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस संबंध में जांच की मांग की है, लेकिन अमेरिका ने ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि कोरोना मानव निर्मित वायरस है।’

हमने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार और इंटरनेशनल अफेयर्स कॉलमनिस्ट विवेक ओझा संग भी साझा किया है। उन्होंने हमें बताया, ‘Dr fauci को अमेरिका द्वारा बर्खास्त करने और कोरोना को मैन मेड वायरस कहने की सूचना भ्रामक और निराधार है। अमेरिका सहित कई देश कोविड की उत्पत्ति स्थल के तह तक जाना चाहते हैं। अमेरिका और सहयोगी देशों ने अभी भी यह पूर्ण रूप से अस्वीकार नहीं किया है कि कोविड एक जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है। चीन की संदिग्ध भूमिका पर लगातार ग्लोबल और रीजनल मंचों पर सवाल उठाने के बावजूद अभी ऐसा नही हुआ है कि अमेरिका ने इसे मानव निर्मित मान लिया है।’

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Muhammad Sadiq की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर यूएई के Fujairah में रहते हैं।

निष्कर्ष: व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइजर और US नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डाय़रेक्टर डॉक्टर फाउसी को बर्खास्त करने का दावा गलत है। अमेरिका ने कोरोना वायरस को इंसानों द्वारा बनाया हुआ भी नहीं माना है। अमेरिका में रिपब्लिकन नेता Marjorie Taylor Greene ने बीते दिनों डॉक्टर फाउसी को उनके पद से हटाए जाने को लेकर बिल पेश किया था। उसी से जुड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

False
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