Fact Check : ठंडाई में भांग मिलाकर बेचने के वीडियो को गोबर बताकर फैलाया जा रहा है झूठ

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा हरे रंग का पदार्थ भांग है, गोबर नहीं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि लोग दूध में गाय का गोबर मिलाकर पी रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने दावे की जांच की और इसे गलत पाया। वायरल वीडियो में दिख रहा हरे रंग का पदार्थ भांग है, गोबर नहीं।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर शादाब खान ने 13 जनवरी 2024 को वायरल वीडियो को शेयर किया। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “People actually pay to drink Cow dung in India (Pajeet Land) (भारत में लोग वास्तव में गाय का गोबर पीने के लिए भुगतान करते हैं)”

आपको बता दें कि ‘पजीत’ उत्तर भारतीयों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक अपमानजनक शब्द है।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह वीडियो Jatupol Singkru (जतुपोल सिंगक्रू) नाम के यूट्यूब चैनल्स पर 15 नवंबर 2022 को अपलोड मिला। साथ में लिखा था Bhang Making Ancient Indian Drink (प्राचीन भारतीय पेय भांग बनाना )

हमें यह वीडियो इसी दावे के साथ और भी कई यूट्यूब चैनल पर मिला।

https://www.youtube.com/watch?v=wVDu5IVPRkU

यहां  से क्लू लेते हुए हमने कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए भांग बनाने का  वीडियो सर्च करना शुरू किया। हमें भांग ठंडाई के कई वीडियो मिले, जो वायरल वीडियो से मिलते हुए थे।

हमने इस विषय में पुष्टि के लिए बनारस के जाने-माने ठंडाई भंडार बाबा ठंडाई के मालिक अक्षय सरीन से संपर्क साधा और उन्हें ये वायरल वीडियो दिखाया। अक्षय ने कन्फर्म  किया कि वीडियो ठंडाई बनाये जाने का है, और भांग ठंडाई इसी प्रक्रिया से बनाई जाती है। साथ ही उन्होंने बताया कि प्लेट में रखा हरा पदार्थ भांग है न कि गोबर।

पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर शादाब खान की जांच की। पता चला कि यूजर फ़िलहाल यूके में रहता है और तेलंगाना का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा हरे रंग का पदार्थ भांग है, गोबर नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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