यह जगन्नाथ पुरी मंदिर में महामारी के दौरान निकाले गए शालिग्राम नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल दावे झूठे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): वॉट्सऐप सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें कहा गया कि जगन्नाथ पुरी मंदिर के एक शालिग्राम को बहार निकाला गया है। इस शालिग्राम को पृथ्वी पर महामारी के दौरान बाहर निकाला जाता है। पिछली बार, इसे वर्ष 1920 में निकाला गया था। इसको देखना बहुत दुर्लभ है। Vishvas News ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया।
क्या है वायरल पोस्ट में?
Vishvas News को वायरल दावा फेसबुक पर एक तस्वीर और एक वीडियो के रूप में मिला। फेसबुक पेज, ‘माझे पान’ ने एक शालिग्राम की तस्वीर साझा की और लिखा, “जगन्नाथ पुरी येथील शालीग्राम आहे, पृथ्वीवर महामारी आल्यास बाहेर दर्शनासाठी काढला जातो”.
1920 साली काढला होता. आता 2020 चालुवर्षी काढला आहे।” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “यह जगन्नाथ पुरी मंदिर का एक शालिग्राम है। यह तब निकाला जाता है जब पृथ्वी किसी महामारी से जूझती है। यह वर्ष 1920 में निकाला गया था और अब इसे वर्ष 2020 में निकाल लिया गया है।”
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इसी तरह, यह वायरल दावा वीडियो के रूप में भी मिला।
पड़ताल
Vishvas News ने इंटरनेट पर सरल कीवर्ड सर्च के साथ अपनी जांच शुरू की। हमें न्यू इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट पर एक खबर मिली। खबर में लिखा था, “पुरी मंदिर के देवता बीमारी को दूर करने के लिए बाहर आये हैं।” पर इस खबर में कहीं भी शालिग्राम का उल्लेख नहीं था। यह खबर 30 मार्च 2020 को वेबसाइट पर अपलोड की गयी थी। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
वायरल पोस्ट में एक अन्य दावे का उल्लेख है कि पिछली बार इस शालिग्राम को 1920 में निकाला गया था, जब वर्ष 1920 में महामारी आयी थी। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, “1918 H1N1 फ्लू महामारी आयी थी, जिसे कभी-कभी “स्पैनिश फ़्लू” के रूप में संदर्भित किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में इस बीमारी से अनुमानित 50 मिलियन लोगों की मौत हुई थी। इस वायरस की एक असामान्य विशेषता यह थी कि 15 से 34 वर्ष की आयु के स्वस्थ वयस्कों में यह मृत्यु दर अधिक थी।”
पूरी रिपोर्ट यहां देखें।
जांच के अंत में हमने ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर के पुजारी से संपर्क किया। विश्वबासु बिनायकदास महापात्रा ने विश्वास न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा, “तस्वीर और वीडियो कई दिनों से वायरल हो रहे हैं। तस्वीर और वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। महामारी के दौरान शालिग्राम को बाहर नहीं निकाला जाता है। जगन्नाथ मंदिर के भगवान नृसिंह है, जिन्हें महामारी के दौरान निकाला जाता है।”
अंत में, Vishvas News ने फेसबुक पेज की सामाजिक स्कैनिंग की। फेसबुक पेज माझी पान ने 5 जुलाई को वायरल तस्वीर पोस्ट की। इसे अब तक तस्वीर को 4.6K लाइक्स मिले हैं। 1,056,847 लोग इस पेज को फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: यह जगन्नाथ पुरी मंदिर में महामारी के दौरान निकाले गए शालिग्राम नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल दावे झूठे हैं।
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