Fact Check : आरिफ के पास वापस नहीं आया सारस, वायरल पोस्ट फर्जी 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आरिफ और सारस को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। सारस अभी भी वन विभाग वालों के पास ही है। खुद आरिफ ने सारस के वापस आने की बातों का खंडन किया है। 

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सारस से दोस्ती को लेकर सुर्खियों में आए मोहम्मद आरिफ गुर्जर को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ज्यादा दिन वन विभाग सारस को अपने पास नहीं रख पाया। सारस फिर से आरिफ के पास वापस आ गया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। सारस अभी भी वन विभाग वालों के पास ही है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर प्रदीप कश्यप ने 24 मार्च 2023 (आर्काइव लिंक) को पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “सारस आखिर पहुंच ही गया आरिफ के पास…मोहब्बत जिन्दाबाद…ये देख के इंसान को समझना चाहिए की मोहब्बत अभी भी जिंदा है। जब एक  बेजुवा पंछी इंसान से इतनी मोहब्बत कर सकता है ।तो फिर ये देख कर भी इंसान इंसान से नफरत क्यों करता है।””

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे की पुष्टि करने वाली कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। 27 मार्च 2023 को न्यूज 18 पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, सारस का नया घर कानपुर प्राणी उद्यान है, जहां अभी डॉक्टरों की देखरेख में उसको रखा गया है। रिपोर्ट में कानपुर प्राणी उद्यान के पीआरओ विश्वजीत सिंह तोमर का एक बयान भी लगाया गया है। कानपुर प्राणी उद्यान के पीआरओ विश्वजीत सिंह तोमर का कहना है, सारस तनाव में है। वह नई जगह आया है, इस वजह से थोड़ी समस्या आ रही है। कुछ दिनों में वह स्वस्थ और सामान्य हो जाएगा।

पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट पत्रिका की वेबसाइट पर 24 मार्च 2023 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, आरिफ ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर वायरल दावे का खंडन किया है। पोस्ट में आरिफ ने सभी दावों का खंडन करते हुए लिखा है, “सोशल मीडिया व यूट्यूब चैनल पर फर्जी अफवाह उड़ाई जा रही है,कि मेरा यानी आरिफ का सारस मिल गया है, लेकिन यह सब अफवाह है अभी भी मेरा दोस्त, मेरा सारस वन विभाग की कैद में है।”

अधिक जानकारी के लिए हमने आरिफ से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। सारस अभी भी वन विभाग के पास है। वह मेरे पास वापस नहीं गया है। सारस को अपने पास रखने के लिए वन विभाग की ओर से मुझे नोटिस भी जारी किया गया है। मैं कल अपने सारस दोस्त से मिलने के लिए कानपुर के चिड़ियाघर में गया था। अभी वो क्वारंटाइन है, इसलिए मैं उससे मिल नहीं पाया हूं। वायरल तस्वीर काफी महीने पुरानी है।”

क्या है पूरा मामला?

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 22 मार्च 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंडखा निवासी मो. आरिफ सारस के साथ दोस्ती को लेकर चर्चा में आए थे। तकरीबन एक साल पहले आरिफ को एक सारस  जंगल में लावारिस और घायल अवस्था में मिला था, जिसके बाद आरिफ उसे घर ले आए और उसकी देखरेख करनी शुरू कर दी। सारस के ठीक होने के बाद दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई। दोनों साथ में खाते-पीते और घूमते थे, लेकिनजैसे ही वन विभाग को इसकी खबर लगी, वो सारस को अपने साथ ले गए।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर प्रदीप कश्यप की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के फेसबुक पर 4,980 मित्र मौजूद हैं। वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर यूपी के रहने वाले हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आरिफ और सारस को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। सारस अभी भी वन विभाग वालों के पास ही है। खुद आरिफ ने सारस के वापस आने की बातों का खंडन किया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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