Fact Check: यूपी पुलिस से नहीं छीना गया गाड़ियों की जांच का अधिकार, फर्जी मैसेज हो रहा वायरल

यूपी पुलिस वाहन चेकिंग का अधिकार छीनने का दावा गलत है। पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने ये निर्देश जरूर दिया था कि कागज चेकिंग के लिए गाड़ी न रोकी जाए, बल्कि पुलिस केवल डीएल की जांच करे। यूपी डीजीपी पीआरओ के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस के पास से वाहन चेकिंग का अधिकार छिन गया है। इसमें दावा किया गया है कि ये फैसला यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया है। विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यूजर ने इस मैसेज को फैक्ट चेक के लिए भेजा है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है।

क्या हो रहा है वायरल

यूपी पुलिस से वाहन चेकिंग का अधिकार छिने जाने का यह कथित दावा सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ को वॉट्सऐप चैटबॉट पर जो मैसेज मिला है, उसमें लिखा है, ‘वाहन-चालकों के लिए खुशखबरी… यूपी पुलिस के हाथ से छीना गया वाहन चेकिंग के अधिकार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कानपुर से लखनऊ जाने के बाद लिया फैसला। थाने की पुलिस नहीं कर सकेगी अब वाहनों की चेकिंग। अवैध वसूली को लेकर मुख्यमंत्री ने लिया फैसला। यूपी में सिर्फ ट्रैफिक पुलिस ही कर सकेगी वाहनों की चेकिंग। पुलिस चेकिंग के दौरान मिल रहीं शिकायतों और सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे वीडियो के बाद सीएम ने दिए दिशा-निर्देश।’ चैटबॉट पर मिले इस मैसेज को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है।

कुछ शब्दों के हेरफेर को छोड़ दें तो कमोबेश यही मैसेज फेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है। Neeraj Srivastav नाम के फेसबुक यूजर ने यही मैसेज अपनी वॉल पर भी शेयर किया है।

इस पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया। हमें पिछले साल सितंबर महीने की कुछ खबरें मिलीं। ऐसी ही 28 सितंबर 2019 की एक दैनिक जागरण की खबर मिली। वाहन चेकिंग के दौरान वसूली की बढ़ती शिकायतों के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने निर्देश दिया था कि पुलिस गाड़ियों का कागज चेक करने के लिए उन्हें नहीं रोकेगी। खबर में बताया गया है कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के सिर्फ डीएल चेक किए जाएंगे। यानी पिछले साल आदेश ये था कि केवल कागज जांचने के लिए वाहन नहीं रोके जाएंगे। इस खबर को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

हमने इस संबंध में झांसी के एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने कहा, ‘यह अफवाह कुछ महीने पहले भी उड़ी थी। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’ हमने यूपी ट्रैफिक पुलिस से संबंधित अधिकारी से बात कर इस वायरल मैसेज के बारे में विस्तार से जानना चाहा। उन्होंने बताया कि ये मैसेज 3-4 महीने पहले भी वायरल हो चुका है। उनके मुताबिक, ‘चोरी के वाहन या बदमाशों द्वारा गाड़ी के इस्तेमाल को रोकने के मुख्य उद्देश्य से ही पुलिस चेकिंग करती है। शाम को अक्सर पुलिस इसी उद्देश्य से नाकेबंदी करके गाड़ियों की चेकिंग करती है। वाहनों के कागजों की चेकिंग का जहां तक सवाल है तो अब सबकुछ मोबाइल फोन से हो जा रहा है। कागज मांगने का औचित्य ही नहीं है।’

विश्वास न्यूज़ ने इस संबंध में दैनिक जागरण डिजिटल के लखनऊ ब्यूरो के धर्मेंद्र पांडेय से संपर्क किया। यूपी डीजीपी पीआरओ के हवाले से उन्होंने बताया कि पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने आदेश दिया था कि पुलिस केवल डीएल ही चेक करेगी। डीजीपी के पीआरओ ने मुख्यमंत्री के ऐसे किसी नए आदेश की बात से इनकार किया है।

हमने इस मैसेज को फेसबुक पर शेयर करने वाले यूजर Neeraj Srivastav की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर गया के रहने वाले हैं और फैक्ट चेक किए जाने तक उन्हें 226 लोग फॉलो कर रहे थे।

निष्कर्ष: यूपी पुलिस वाहन चेकिंग का अधिकार छीनने का दावा गलत है। पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने ये निर्देश जरूर दिया था कि कागज चेकिंग के लिए गाड़ी न रोकी जाए, बल्कि पुलिस केवल डीएल की जांच करे। यूपी डीजीपी पीआरओ के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है।

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