एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से तैयार की गई तस्वीरों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पोर्न स्टार को पैसे दिए जाने के मामले में आपराधिक आरोप तय होने के बावजूद अभी तक ट्रंप की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आपराधिक मामले में मुकदमा चलने की मंजूरी के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर वायरल कई तस्वीरों के जरिए दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया और इसके साथ वायरल हो रही तस्वीरें डीप फेक साबित हुईं, जिसे डिजिटल टूल्स की मदद से तैयार किया गया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो ट्रंप की गिरफ्तारी का दावा करती ये तस्वीरें सिथेंटिक मीडिया है, जो डीप फेक की श्रेणी में आती हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Carl Slaubaugh’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “BREAKING: TRUMP GOES LIVE MOMENTS BEFORE SHOCK ARREST! SHOCKING VIDEOS & DOCUMENTS⚠️Everything is ready and assets are in place but they will shut us down. THE WHOLE WORLD IS CHANGING AT THIS MOMENT! We believe TRUMP was biding his time and waited for the perfect moment to step in and save the country. This is MASSIVE! (TRUMP CALLED EVERYONE ONLINE) ❗️❗️❗️ WHAT IS HAPPENING BEHIND THE SCENES? WHAT IS THE MEDIA HIDING FROM US?
SUPPORT OUR PRESIDENT HERE⬇️ 1️⃣ TRUMP LIVE 🛑 2️⃣ EXPLICIT LEAKS 📃 3️⃣ SOROS VIDEO.”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इन तस्वीरों को साझा किया है।
न्यूज सर्च में ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ट्रंप को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र हो। 31 मार्च की बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, “पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक पोर्न स्टार को 2026 के राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले हश मनी दिए जाने के मामले में आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा।”
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी उन आशंकाओं का जिक्र किया गया है कि अगर ट्रंप को गिरफ्तार किया जाता है तो इस मामले में कार्रवाई कैसी होगी। हालांकि, किसी भी रिपोर्ट में ट्रंप की गिरफ्तारी का जिक्र नहीं है।
जब कोई व्यक्ति अवैध, शर्मनाक या नैतिक रूप से संदिग्ध काम करता है, तो इसके बारे में जानकारी रखने वाले व्यक्ति को चुप कराने की कोशिश करता है और ऐसा करने के लिए दी जाने वाली रकम हश मनी कहलाती है।
वायरल तस्वीरों के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में कई ऐसे ट्वीट मिली, जिसमें ट्रंप की गिरफ्तारी का दावा करती तस्वीरों को एआई से निर्मित बताया गया है।
सर्च में हमें एलिएट हिगिंस नाम के ट्विटर यूजर की प्रोफाइल मिली, जिसमें ट्रंप की गिरफ्तारी का दावा करती तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि यह ट्रंप की गिरफ्तारी का नजारा हो सकता है और उन्हें ट्रंप की गिरफ्तारी का इंतजार है।
इस ट्वीट में उन्होंने कई ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल किया है, जिसमें ट्रंप की गिरफ्तारी की संभावित स्थिति को चित्रित किया गया है।
स्पष्ट है कि ये तस्वीरें एआई निर्मित तस्वीरें हैं, जिन्हें सोशल मीडिया यूजर्स सही मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए उनसे संपर्क किया। उन्होंने कहा, “मैंने मिडजर्नी का इस्तेमाल करते हुए इन तस्वीरों को तैयार किया है। मैंने इन तस्वीरों को यह बताने के लिए बनाया कि मिडजर्नी क्या कुछ कर सकता है और इसे शुरू करते हुए मैंने इसमें कुछ विचारों को भी शामिल किया, ताकि यह देखा जा सके कि मिडजर्नी क्या कर सकता है। मैंने इस थ्रेड (ट्वीट) के अंत में कुछ विचार भी जाहिर किए हैं, जिसमें आपकी दिलचस्पी हो सकती है।”
मिडजर्नी एक एआई प्रोग्राम है, जिसे सैन फ्रांसिस्को स्थित स्वतंत्र रिसर्च लैब ने तैयार किया है। एआई की मदद से तैयार किए जाने वाली तस्वीरों के बारे में हमने एनवाईयू डेटा साइंस के पीएचडी स्कॉलर स्वप्निल मेहता से बात की। उन्होंने बताया, “स्रोत ट्रैकिंग जैसे सुरक्षा उपायों के बिना जेनरेटिव आर्ट का लोकतांत्रिकरण जटिल पहचान और मॉडरेशन चुनौतियों का निर्माण करता है, जो बुरी मंशा वाले लोगों को गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल नेटवर्क का फायदा उठाने की अनुमति देता है, जैसा कि ट्रंप की गिरफ्तारी के मामले में हमने देखा।”
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर बेहद कम लोग फॉलो करते हैं और उन्होंने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को टैक्सस निवासी बताया है। हिंदी और अंग्रेजी समेत कुल 12 भाषाओं में विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से तैयार की गई तस्वीरों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। पोर्न स्टार को पैसे दिए जाने के मामले में आपराधिक आरोप तय होने के बावजूद अभी तक ट्रंप की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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