Fact Check: साल 2018 में बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की तस्वीर को हालिया बताकर किया जा रहा शेयर
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर वायरल दावा गलत साबित हुआ है। वायरल तस्वीर साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा की है।
- By: Pragya Shukla
- Published: Mar 29, 2022 at 02:17 PM
- Updated: Mar 29, 2022 at 03:35 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल हिंसा से जोड़कर एक तस्वीर को शेयर किया जा रहा है। तस्वीर में एक शख्स खून से लथपथ जमीन पर बैठा हुआ है और कुछ दूर पर एक बाइक जल रही है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह बंगाल के बीरभूम में हुई हालिया हिंसा की है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ है। फोटो साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा की है।
क्या है वायरल?
ट्विटर यूजर Feedmile ने 22 मार्च को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ” Bloody conflict in Bengal : Violence erupts after killing of TMC leader, 12 houses set on fire, 10 burnt alive.
(हिंदी अनुवाद: बंगाल में खूनी संघर्ष: टीएमसी नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा, 12 घरों में आग लगाई, 10 को जिंदा जलाया।)
ट्विटर पोस्ट कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल –
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट द वायर की वेबसाइट पर 1O जून 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा की है। DNA और THE WEEK ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज मैगजीन फ्रंटलाइन में 2018 में छपे लेख का लिंक मिला। फ्रंटलाइन की यह खबर प्रिंट एडिशन में प्रकाशित हो चुकी है, जिसे वेब पर 28 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया। यह खबर पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा से जुड़ी हुई है, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। खबर के मुताबिक, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के 20,000 सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज किए जाने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद बंगाल में राजनीतिक हिंसा की शुरुआत हुई। इसमें न केवल तृणमूल समर्थकों और विपक्षी बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई, बल्कि तृणमूल कांग्रेस के अलग-अलग धड़ों के बीच भी झड़प हुई।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कोलकाता स्थित पत्रकार Bijoy से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर तकरीबन 3-4 साल पुरानी है।
पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के ट्विटर पर 26 फॉलोअर्स हैं। यूजर ट्विटर पर फरवरी 2022 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर वायरल दावा गलत साबित हुआ है। वायरल तस्वीर साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा की है।
- Claim Review : Bloody conflict in Bengal : Violence erupts after killing of TMC leader, 12 houses set on fire, 10 burnt alive.
- Claimed By : Feedmile
- Fact Check : भ्रामक
पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...