Fact Check: साल 2013 में सीरिया में हुई घटना की तस्वीर को तमिलनाडु से जोड़कर किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत निकला। वायरल वीडियो सीरिया में साल 2013 में हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक संवेदनशील वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु पुलिस ने बच्चों के शवों से भरा एक कंटेनर जब्त किया है, इन बच्चों के अंग भी निकाल लिए गए हैं। विश्वास न्यूज ने पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि इस पोस्ट के साथ किया गया दावा फर्जी है। वीडियो में दिख रही तस्वीर साल 2013 में सीरिया के घोउता में हुए रासायनिक हमले के दौरान मारे गए बच्चों की है। इसे अब तमिलनाडु से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।


क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पेज ‘ॐ शांति चैनल ‘ ने 11 सितंबर को यह वीडियो शेयर किया है और लिखा है ‘तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर मिला यह सब बच्चे की लाश! #NewsFlash ‘

वीडियो के ऊपर लिखा है : तमिलनाडु पुलिस को कंटेनर में मिला यह बच्चे की लाश। वीडियो में चल रहे वॉयस ओवर में एक व्यक्ति यह कहता सुनाई देता है तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर से इन बच्चों की लाश मिलीं, इन बच्चों के जिस्म के अंदर का हिस्सा जैसे किडनी लीवर निकाला गया है। तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि इन सभी बच्चों को अलग-अलग देशों से किडनैप करके लाया गया था। नोट :अपने घर के बच्चों को संभालो , उनका ख्याल रखो। अपने सारे ग्रुप में ये मेसेज भेज दो।

फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा दिया गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें  ‘.zamanalwsl.net’ की वेबसाइट पर 25 अगस्त 2013 को वायरल तस्वीर से रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो सीरिया के घोउता में 21 अगस्त 2013 को हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है। पूरी खबर यहां पढ़ें।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रही तस्वीर से जुड़ी न्यूज़ वीडियो को “CNN ” के यूट्यूब चैनल पर 23 अगस्त 2013 को अपलोड वीडियो में देखा जा सकता है। यहां भी इस तस्वीर को सीरिया का बताया गया है।



वायरल तस्वीर से जुड़ी अन्य खबरें कई न्यूज़ वेबसाइट पर मिलीं, जो अलग-अलग एंगल से ली गई है। पहले भी ये वीडियो इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है , तब विश्वास न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की थी। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने dinamalar.com के वेब एडिटर M.S.Dhandapany से वॉट्सऐप के जरिये सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर पुरानी है और तमिलनाडु की नहीं है। वायरल दावा गलत है।

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले पेज की जांच की। जांच में पता चला कि इस पेज को फेसबुक पर 29 लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 21 अगस्त 2022 को बनाया गया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत निकला। वायरल वीडियो सीरिया में साल 2013 में हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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