विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया बुर्ज खलीफा की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। बुर्ज खलीफा पर भगवान राम की वायरल तस्वीर को एडिटिंग टूल्स की मदद से तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बुर्ज खलीफा की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर पर भगवान राम की कथित तस्वीर लगी हुई नजर आ रही है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि रामनवमी के मौके पर बुर्ज खलीफा पर श्री राम की तस्वीर प्रस्तुत की गई। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर को एडिटिंग टूल्स की मदद से तैयार किया गया है।
फेसबुक यूजर केशव मूर्ति नादराज ने 4 अप्रैल 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर किया है। यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “दुबई ने कुछ इस तरह से श्री राम को सम्मान दिया है। रामनवमी के अवसर पर बुर्ज खलीफा पर राम का एक बड़ा-सा पोर्ट्रेट प्रदर्शित किया गया।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले कीवर्ड की मदद से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। हमें ऐसी एक भी खबर नहीं मिली, जिससे यह पुष्टि हो सके कि बुर्ज खलीफा पर रामनवमी के मौके पर राम की तस्वीर को दिखाया गया है। हमने बुर्ज खलीफा के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला,लेकिन हमें दावे से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली तस्वीर इमेज स्टॉक रखने वाली वेबसाइट्स आईस्टॉक और एडोब स्टॉक पर मिली। दी गई जानकारी के अनुसार, तस्वीर को 28 दिसंबर 2015 को कैमरे में कैद किया गया है। यह तस्वीर बुर्ज खलीफा की रात की खूबसूरती को दिखाता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर और असली तस्वीर का कोलाज बनाकर तुलनात्मक अध्ययन भी किया। इसे नीचे देखा जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए हमने दुबई के पत्रकार मजहर फारूकी से ट्विटर के जरिए संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। तस्वीर को एडिटिंग के जरिए बनाया गया है। बुर्ज खलीफा पर भगवान राम की तस्वीर को नहीं दिखाया गया है।
पड़ताल के अंत में हमने फर्जी दावे को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर मलेशिया का रहने वाला है। यूजर फेसबुक पर नवंबर 2016 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया बुर्ज खलीफा की तस्वीर को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। बुर्ज खलीफा पर भगवान राम की वायरल तस्वीर को एडिटिंग टूल्स की मदद से तैयार किया गया है।
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