Fact Check : जनता कर्फ्यू की तस्‍वीर को सूर्य ग्रहण के नाम से वायरल किया गया, वायरल पोस्‍ट फेक है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। जिस तस्‍वीर को कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वह 5 फरवरी की है, जबकि दूसरी तस्‍वीर जनता कर्फ्यू की है। इस तस्‍वीर को सूर्य ग्रहण के नाम से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक ही सड़क की दो तस्‍वीरों का एक कोलाज वायरल हो रही है। पहली तस्‍वीर में सड़क पर ट्रैफिक नजर आ रहा है। इस तस्‍वीर को कोरोना वायरस के माहौल से जोड़ा गया,जबकि दूसरी तस्‍वीर में वही सड़क एकदम खाली है। इसे सूर्य ग्रहण के वक्‍त की फोटो बताई गई है।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि बेंगलुरु की दो पुरानी तस्‍वीरों को गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। पहली तस्‍वीर 5 फरवरी की है, जबकि दूसरी तस्‍वीर जनता कर्फ्यू यानी 22 मार्च की है। इसी तस्‍वीर को सूर्य ग्रहण के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘Bohot bhukh lagi hai yaar subah se kuch nahi khaya’ ने 21 जून को एक कोलाज को अपलोड किया। इसमें दो तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल किया गया। अब तक इस पोस्‍ट को 1800 से ज्‍यादा लोग शेयर कर सकते हैं।

पोस्‍ट का फेसबुक और आकाईव वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। ओरिजनल तस्‍वीर हमें gettyimages.in की वेबसाइट पर मिली। इसे 22 मार्च 2020 को अपलोड किया गया था। पहली तस्‍वीर के बारे में जानकारी दी गई कि 5 फरवरी 2020 को बेंगलुरु की एक सड़क पर गाड़ियां। दूसरी तस्‍वीर के बारे में बताया गया कि यह 22 मार्च की फोटो है, जब जनता कर्फ्यू लगाया गया। तस्‍वीर को AFP के फोटो जर्नलिस्‍ट मंजूनाथ किरण ने क्लिक की थी।

इसके बाद हमने दोनों तस्‍वीर को क्लिक करने वाले फोटो जर्नलिस्‍ट मंजूनाथ किरण से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीरों को उन्‍होंने ही क्लिक किया था, लेकिन इसका सूर्य ग्रहण से कोई संबंध नहीं है। इन तस्‍वीरों को गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

अंत में हमने तस्‍वीर को वायरल करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। ‘Bohot bhukh lagi hai yaar subah se kuch nahi khaya’ नाम के इस पेज को 34 लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को 9 सितंबर 2010 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। जिस तस्‍वीर को कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वह 5 फरवरी की है, जबकि दूसरी तस्‍वीर जनता कर्फ्यू की है। इस तस्‍वीर को सूर्य ग्रहण के नाम से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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