Fact Check: केरल की एक छात्र नेता आयशा रैना की तस्वीर पत्रकार राणा अय्यूब के नाम से हुई वायरल 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। तस्वीर में नजर आ रही महिला पत्रकार राणा अय्यूब नहीं, बल्कि फ्रेटरनिटी मूवमेंट की नेता आयशा रैना हैं। 12 जून, 2022 को मलप्पुरम जिले में एक राजमार्ग नाकाबंदी के दौरान केरल पुलिस ने उन्हें पकड़ा था। 

Fact Check: केरल की एक छात्र नेता आयशा रैना की तस्वीर पत्रकार राणा अय्यूब के नाम से हुई वायरल 

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने राणा अय्यूब के साथ दुर्व्यवहार किया है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि महिला पुलिसकर्मी एक नारेबाजी करने वाली महिला का स्कार्फ पकड़ कर जबरन लेकर जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। तस्वीर में नजर आ रही महिला पत्रकार राणा अय्यूब नहीं, बल्कि फ्रेटरनिटी मूवमेंट की नेता आयशा रैना है। 12 जून, 2022 को मलप्पुरम जिले में राजमार्ग नाकाबंदी के दौरान केरल पुलिस ने उन्हें पकड़ा था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Zaib Ali ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “जिन्ना सही थे, बहुत बहादुर लड़की है राणा अय्युब। अल्लाह हमेशा आपके साथ हैं।”

पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक पोस्ट फेसबुक पेज ‘फ्रेटरनिटी मूवमेंट केरल’ पर 13 जून 2022 को अपलोड मिली। पेज को खंगालने पर हमे पता चला कि फ्रेटरनिटी मूवमेंट राजनीतिक संगठन वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया की छात्र शाखा है। इस पेज पर शेयर किए गए एक समाचार की कटिंग के मुताबिक, वायरल तस्वीर में नजर आ रही महिला इस संगठन की सदस्य आयशा रैना हैं।

पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, फ्रेटरनिटी मूवमेंट संगठन ने ये प्रदर्शन 12 जून 2022 को अपनी नेता आफरीन फातिमा के समर्थन में किया था। दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रयागराज में हुई हिंसा पर कार्रवाई करते हुए हिंसा में शामिल जावेद मोहम्मद के घर को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया था। इसी कार्रवाई के विरोध में  फ्रेटरनिटी मूवमेंट संगठन ने 12 जून 2022 को केरल में प्रदर्शन किया था।

पड़ताल के दौरान हमें आयशा के फेसबुक हैंडल पर 12 जून को मलप्पुरम के ‘नेशनल हाईवे’ पर प्रदर्शन से जुड़ी एक पोस्ट भी प्राप्त हुई। हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट MediaoneTV Live नामक यूट्यूब चैनल पर 13 जून को अपलोड मिली। यहां पर भी महिला को फ्रेटरनिटी मूवमेंट संगठन की सदस्य आयशा रैना बताया गया हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने फ्रेटरनिटी मूवमेंट संगठन के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद असीम से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर हमारे संगठन की सदस्य आयशा रैना है। 12 जून को हम लोगों ने केरल के मलप्पुरम के ‘नेशनल हाईवे’ पर आफरीन फातिमा के समर्थन में प्रदर्शन किया था। ये तस्वीर उसी दौरान की है। 

पड़ताल के अंत में हमने फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 64 मित्र हैं। यूजर पाकिस्तान का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। तस्वीर में नजर आ रही महिला पत्रकार राणा अय्यूब नहीं, बल्कि फ्रेटरनिटी मूवमेंट की नेता आयशा रैना हैं। 12 जून, 2022 को मलप्पुरम जिले में एक राजमार्ग नाकाबंदी के दौरान केरल पुलिस ने उन्हें पकड़ा था। 

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