सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स कोई आईपीएस अफसर शैलजाकांत मिश्र नहीं, बल्कि एक उद्यमी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नीतीश राजपूत हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वॉट्सऐप पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक को राजनीति और उसके आपराधीकरण पर बोलते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह शख्स लखनऊ पुलिस के आईपीएस अफसर शैलजाकांत मिश्र हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स कोई आईपीएस अफसर नहीं है। इस शख्स का नाम नीतीश राजपूत है। नीतीश एक उद्यमी के साथ-साथ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं।
फेसबुक यूजर ‘Shyamkumar Rajbhoj ‘ ने 8 जनवरी 2023 को एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया, ‘देश मे पहली बार कोई IPS ऑफिसर ने ऐसी हिम्मत की है। एकदम सत्य, निष्पक्ष, निडर वक्तव्य कहा है। उसे कोटी कोटी वन्दन।’
वीडियो के ऊपर अंग्रेजी में लिखा गया : ‘He is Shailajakant Mishra, IPS Officer, Lucknow Police. Hats off his depth of knowledge.’
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल किया। इनविड टूल में इस वीडियो को अपलोड करके कई कीफ्रेम निकाले। फिर इन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। असली वीडियो हमें 26 जुलाई 2020 को नीतीश राजपूत नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। इस वीडियो के कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा गया कि अपराधी चुनाव क्यों जीतते हैं। नीतीश राजपूत।
मतलब साफ था कि वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम नीतीश राजपूत है ना कि शैलजाकांत मिश्र। जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने नीतीश राजपूत के सोशल मीडिया हैंडल को स्कैन किया। उनके ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के अनुसार, वे एक उद्यमी हैं। बायो में कहीं भी यह जानकारी नहीं दी गई कि वे कोई आईपीएस अफसर हैं।
वायरल वीडियो में जिस आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्र का ज़िक्र किया जा रहा है। हमने उनके बारे में भी पता लगाने के लिए गूगल पर सर्च किया। पता चला कि शैलजाकांत मिश्र पुलिस सेवा से रिटायर हो चुके हैं और वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के उपाध्यक्ष हैं।
पहले भी ये वीडियो समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज़ ने इसकी जांच की थी। आप हमारी पहले की फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमने वीडियो में नज़र आ रहे नीतीश राजपूत से ट्विटर के ज़रिए संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वो आपीएस ऑफिसर नहीं हैं। वो एक यूट्यूबर और उद्यमी हैं। उन्होंने वायरल दावे को पूरी तरह फर्जी बताया है।
पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को फर्जी दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के लगभग 5 हज़ार मित्र हैं और यूजर महाराष्ट्र के कल्याण का रहने वाला है।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स कोई आईपीएस अफसर शैलजाकांत मिश्र नहीं, बल्कि एक उद्यमी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर नीतीश राजपूत हैं।
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