विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 1946 की एक फोटो को एडिट करके पीएम मोदी का बताकर पोस्ट किया गया है। वास्तविक फोटो में पीएम मोदी नहीं हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक एडिटेड फोटो को पीएम मोदी का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। पहले भी यह फेक फोटो कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सफाई करते हुए एक व्यक्ति की फोटो को एडिट करके उसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा चिपकाया गया है।
नरेंद्र कुमार (Archive) नाम के फेसबुक यूजर ने 1 अक्टूबर को एडिटेड फोटो को शेयर किया। पोस्ट के ऊपर लिखा है “नरेंद्र मोदी की दुर्लभ तस्वीर.. उस आदमी ने अतीत में फर्श साफ किया है और आज वह भारत का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है।”
विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी इस तस्वीर की जांच की थी। उस समय वायरल फोटो की पड़ताल के लिए हमने गूगल लेंस से इसे सर्च किया था। उस समय हमें यह तस्वीर ओल्ड इंडियन फोटोज नाम की वेबसाइट पर मिली थी। यह वायरल फोटो से काफी मिलती-जुलती है। इसमें लिखा है, ‘भारत के अछूतों में से एक झाड़ू पकड़े हुए, जिसे वह गलियों और घरों में सफाई के काम में इस्तेमाल करते हैं- एसोसिएटेड प्रेस 1946’. ऑरिजिनल फोटो और वायरल फोटो में बैंकग्राउंड एक-सा था, मगर व्यक्ति का चेहरा अलग था। इसमें पीएम मोदी का चेहरा नहीं था।
खोजने पर हमें यह तस्वीर एपी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली थी। इसमें भी व्यक्ति का चेहरा कुछ और था, पीएम मोदी का नहीं। इसके मुताबिक, फोटो 2 जून 1946 की थी। फोटोग्राफर का नाम मैक्स डेस्फर लिखा था।
इस मामले में जनता का रिपोर्टर वेबसाइट पर 20 जनवरी 2016 को छपी खबर के अनुसार, अहमदाबाद के एक कार्यकर्ता ने वायरल फोटो की सच्चाई जानने के लिए आरटीआई दायर की थी। इसका जवाब मिला था, जिसमें लिखा था- ‘मांगी गई जानकारी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह ध्यान दिया जा सकता है कि तस्वीर से छेड़छाड़ की गई है। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति नरेंद्र मोदी नहीं हैं।‘
वन इंडिया ने भी 22 जनवरी 2016 को इस बारे में खबर छापी है। इसके मुताबिक, वायरल फोटो एडिटेड है। ऑरिजिनल फोटो को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।
इसके बाद हमने आरटीआई दखिल करने वाले कार्यकर्ता के बारे में सर्च किया। हमें पता चला कि उस व्यक्ति का नाम पराग पटेल है। इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने पराग पटेल से बात की थी। उनका कहना था, ‘मैंने इस इमेज की सच्चाई जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इसके जवाब में बताया गया था कि यह फोटो एडिटेड है।‘ उन्होंने हमारे साथ आरटीआई की कॉपी भी शेयर की। इसे नीचे देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट को फेसबुक पर नरेंद्र कुमार नाम के यूजर ने शेयर किया है। यूजर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और फेसबुक पर उनके 2000 से ज्यादा मित्र हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 1946 की एक फोटो को एडिट करके पीएम मोदी का बताकर पोस्ट किया गया है। वास्तविक फोटो में पीएम मोदी नहीं हैं।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।