Fact Check: झारखंड पुलिस के पुराने वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

Vishvas News की जांच में दावा फर्जी निकला। यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि झारखंड का है। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

Fact Check: झारखंड पुलिस के पुराने वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिसकर्मी को रोते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में पुलिसकर्मी को कहते सुना जा सकता है “हमको नहीं चाहिए नौकरी, लाठीचार्ज करवा दिए।” वीडियो को इस क्लेम के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह दिल्ली पुलिस का जवान है, जो किसानों पर लाठीचार्ज करने के बाद रोने लगा।

Vishvas News की जांच में दावा फर्जी निकला। यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि झारखंड का है। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पर ‘ਲੋਕ ਰੰਗ -Lok Rang’ नाम के यूजर ने इस पोस्ट को शेयर किया और साथ में पंजाबी भाषा में लिखा “ਫੌਜੀ ਨੇਂ ਕਿਹਾ ਸਾਨੂੰ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦੀ ਏ‌ ਨੌਕਰੀ ਸਾਡੇ ਕੋਲੋਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਮਜ਼ਦੂਰਾਂ ਤੇ ਸਾਡੇ ਮਾਂ ਬਾਪ ਤੇ ਲਾਠੀਚਾਰਜ ਕਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਏ , ਦੱਬਕੇ ਸ਼ੇਅਰ ਕਰੋ, ਭਗਤ ਮੰਨਦੇ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਪਰ ਓਹ ਵੇਖੋ ਜ਼ਰੂਰ 👍” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “सैनिक ने कहा, “हम यह नौकरी नहीं चाहते हैं। हमें किसानों, मजदूरों और हमारे माता-पिता पर लाठीचार्ज करना पड़ा। कृपया शेयर करें। भक्तों को विश्वास नहीं होगा, लेकिन उन्हें इसे देखना चाहिए।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने इस वीडियो के InVID टूल की मदद से स्क्रीनग्रैब्स निकाले और फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें The Followup नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला, जिसके शुरू के 30 सेकंड में वायरल क्लिप देखी जा सकती है। वीडियो को 18 सितम्बर 2020 को अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “लाठीचार्ज के बाद गुस्से में हैं आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मी, सुनिये! क्या बोल रहे हैं।” आपको बता दें कि किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई 26 जनवरी 2021 को हुई थी।

The Followup यूट्यूब चैनल पर ही हमें 18 सितम्बर 2020 को अपलोडेड एक और वीडियो मिला, जो इसी वीडियो सीरीज का हिस्सा था। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “#JharkhandPolice #SahayakPolice सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज, कई महिला सहायक पुलिस घायल”

यहाँ से हिंट लेते हुए हमने इंटरनेट पर ‘Assistant policemen lathicharged in Jharkhand’ कीवर्डस के साथ सर्च किया। हमें jagran.com की एक खबर मिली। खबर के अनुसार, ” रांची के मोरहाबादी मैदान में स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों का सब्र शुक्रवार को टूट गया। मैदान के बाहर की जा रही बैरिकेडिंग से नाराज होकर पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत हो गई। इस दौरान कई बैरिकेडिंग को उखाड़ दिया गया। हालात अनियंत्रित होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। दोनों तरफ से पत्थरबाजी भी शुरू हो गई। इसमें दोनों ओर से पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। “

इस वीडियो पर ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के रांची संवाददाता आरपीएन मिश्रा से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो सितम्बर 2020 का है। रांची के मोरहाबादी मैदान में स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। वीडियो उसी के बाद का है।”

वायरल दावे को साझा करने वाले फेसबुक यूजर ‘ਲੋਕ ਰੰਗ -Lok Rang’ के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि प्रोफ़ाइल के 29,628 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: Vishvas News की जांच में दावा फर्जी निकला। यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि झारखंड का है। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

False
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