Fact Check : चेन लूटने की दिल्‍ली की घटना के पुराने वीडियो को जयपुर का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ किया गया वायरल

सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला के गले की चेन लूटने की कोशिश करते हुए लुटेरों की पिटाई करती भीड़ को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को जयपुर का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला के गले की चेन लूटने की कोशिश करते हुए लुटेरों की पिटाई करती भीड़ को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को जयपुर का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि दिल्‍ली में कुछ साल पहले घटी घटना के वीडियो को अब जयपुर के फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर कुंवरराज राजा भइया ने 23 अप्रैल को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, “ईद का इंतजाम कर रहा था गोल जाली टोपी चुस्लिम… जयपुर आज की घटना ! सब ने मिलाकर उसको इदी दे दि।”

https://twitter.com/alpana_tomar/status/1649607443612332043

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस वीडियो को जयपुर का समझकर सांप्रदायिक दावे के साथ अन्‍य यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें ।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। इसके लिए इनविड टूल का इस्‍तेमाल किया गया। इसके बाद इन कीफ्रेम्‍स को गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया गया। पत्रिका डॉट कॉम पर 4 सितंबर 2019 को पब्लिश एक खबर में इस वीडियो का स्‍क्रीनशॉट यूज करते हुए बताया गया कि दिल्‍ली के नांगलोई इलाके में बाइक सवार चेन स्नैचर मां-बेटी से चेन छीनकर भागने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मां-बेटी ने साहस दिखाते हुए उन्हें पकड़ लिया। यह घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान यह खबर लाइव हिंदुस्‍तान और एबीपी न्‍यूज की वेबसाइट पर भी मिली।

4 सितंबर 2019 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर पब्लिश खबर में दोनों चोरों का नाम अब्‍दुल शमशाद और विकास जैन बताया गया। खबर में बताया गया कि दिल्‍ली वेस्‍ट के नांगलोई की यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।

विश्‍वास न्‍यूज को सर्च के दौरान वायरल वीडियो एएनआई के ट्विटर हैंडल पर भी मिला। इसे 3 सितंबर 2019 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि 30 अगस्‍त को नांगलोई में चेन स्‍नैकर्स को मां-बेटी ने पकड़ा।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, जयपुर के वरिष्‍ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह वीडियो भी जयपुर का नहीं है।

पड़ताल के अंत में दिल्‍ली के पुराने वीडियो को जयपुर का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर कुंवर राज राजा भैया के अकाउंट से 450 लोग जुड़े हुए हैं। यहां हमें कई सांप्रदायिक पोस्ट मिलीं ।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। 2019 की दिल्‍ली की घटना को जयपुर के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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