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Fact Check: पंजाब में किसानों के प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर हाल का बता की जा रही वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। ये तस्वीर सितंबर 2020 में हुए प्रदर्शन की है। इसका 18 फरवरी को हुए रेल रोको आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Feb 19, 2021 at 06:37 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। किसान आंदोलनों को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को रेलवे ट्रैक पर लेटे हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को 18 फरवरी 2021 को किसान प्रदर्शनकारियों के रेल रोको आह्वान से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। ये तस्वीर सितंबर 2020 में हुए प्रदर्शन की है। इसका 18 फरवरी को हुए रेल रोको आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये तस्वीर फैक्ट चेक के लिए मिली है। किसान यूनियन हरियाणा नाम के ट्विटर हैंडल ने 18 फरवरी 2021 को #RailRokoForFarmers हैशटैग से इस तस्वीर को ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

पिछले कुछ महीनों से नए किसान कानूनों के विरोध में किसान संगठन आंदोलनरत हैं। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 18 फरवरी 2021 को इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इसके मुताबिक, किसान संगठनों ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 18 फरवरी 2021 दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक देश भर में रेल को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया। इस विरोध प्रदर्शन के बाद इससे जुड़ी तमाम तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर पर सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस वायरल तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। इसी क्रम में हमें 27 सितंबर 2020 को द क्विंट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देशभर में चल रहे किसानों के विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए किसान बिलों को अपनी स्वीकृति दे दी। क्विंट की इस पुरानी रिपोर्ट में हमें अभी वायरल हो रही तस्वीर भी मिली। इसके कैप्शन में न्यूज एजेंसी पीटीआई को क्रेडिट देते हुए बताया गया है कि ये तस्वीर 25 सितंबर 2020 की है, जब किसानों ने नए किसान बिलों के विरोध में अमृतसर से करीब 20 किमी दूर देवी दास पुरा गांव में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया था। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इस नई जानकारी के आधार पर हमने इस तस्वीर को न्यूज एजेंसी पीटीआई की आर्काइव में ढूंढा। हमें यह तस्वीर पीटीआई की वेबसाइट पर भी मिली। यहां भी तस्वीर संग दी गई जानकारी में बताया गया है कि इसे 25 सितंबर 2020 को क्लिक किया गया है। पीटीआई की वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर और उसके बारे में दी गई जानकारी के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये बात साबित हो चुकी थी कि इस तस्वीर का 18 फरवरी के किसानों के रेल रोको आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बारे में अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने अपने सहयोगी पंजाबी जागरण के अमृतसर इंचार्ज अमृतपाल से संपर्क किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि ये तस्वीर पुरानी है। उन्होंने बताया कि तब किसान संगठन बाद में रेलवे ट्रैक से हट गए थे और धरनास्थल को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को ट्वीट करने वाली किसान यूनियन हरियाणा नाम की प्रोफाइल को स्कैन किया। ये प्रोफाइल जून 2015 में बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 12 हजार से अधिक फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। ये तस्वीर सितंबर 2020 में हुए प्रदर्शन की है। इसका 18 फरवरी को हुए रेल रोको आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : इस तस्वीर को 18 फरवरी 2021 को किसान प्रदर्शनकारियों के रेल रोको आह्वान से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
  • Claimed By : किसान यूनियन हरियाणा
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