Fact Check: नेपाल की पुरानी तस्वीर को असम भूकंप का बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दवा भ्रामक निकला। असल में यह तस्वीर असम की नहीं, नेपाल की है। यह तस्वीर 25 अप्रैल 2015 को काठमांडू में आये भूकंप की है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें 2 टूटी हुई इमारतों को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर हाल में असम में आये भूकंप की है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दवा भ्रामक निकला।

असल में यह तस्वीर असम की नहीं, नेपाल की है। यह तस्वीर 25 अप्रैल 2015 को काठमांडू में आये भूकंप की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल तस्वीर में 2 टूटी हुई बिल्डिंग्स देखी जा सकती हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है, “Morning Today’s A Major Earthquake Measuring 6.4 Richter Scale Hits Assam, Tremors Felt In North Bengal And Meghalya” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “आज सुबह 6.4 तीव्रता के भूकंप से असम दहल गया। उत्तर-बंगाल और मेघालय में भी झटके महसूस किये गए।

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकते है।

पड़ताल

जांच के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें  यह तस्वीर 23 अगस्त, 2016 को पब्लिश्ड phys.org की एक खबर में मिली। खबर के अनुसार, यह तस्वीर 2015 में  काठमांडू में आये भूकंप की है।

हमें इन्हीं दोनों इमारतों की दूसरे एंगल से एक तस्वीर 30 अप्रैल 2015 को पब्लिश्ड theguardian.com की एक खबर में मिली। यह खबर 25 अप्रैल 2015 को नेपाल में आये भूकंप के बारे में थी। खबर में इस्तेमाल तस्वीर के कैप्शन के अनुसार, यह फोटो काठमांडू की है।

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने नेपाल के अख़बार काठमांडू पोस्ट के नेशनल रिपोर्टर अर्पण श्रेष्ठा से संपर्क साधा। हमसे फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह तस्वीर काठमांडू की है। इसे 2015 में आये भूकंप के बाद क्लिक किया गया था। उस समय मैं काठमांडू में ही फ्रीलांसर था। यह तस्वीर काफी वायरल हुई थी।”

दैनिक जागरण की 28 अप्रैल को प्रकाशित खबर के अनुसार, “असम में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप के झटकों की तीव्रता 6.4 मापी गई ।” पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

असम में 28 अप्रैल को आये भूकंप में कई इमारतों को नुक्सान पहुंचा था। इसपर ज़्यादा जानकारी इंडिया टुडे की इस खबर में पायी जा सकती है।

अब बारी थी इस पोस्ट को साझा करने वाले फेसबुक यूजर ‘सनम थापा मगर’ के प्रोफाइल को स्कैन करने की। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि  यूजर दार्जिलिंग का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 4,954 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दवा भ्रामक निकला। असल में यह तस्वीर असम की नहीं, नेपाल की है। यह तस्वीर 25 अप्रैल 2015 को काठमांडू में आये भूकंप की है।

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