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Fact Check : मध्य प्रदेश की पुरानी घटना को मौजूदा बीजेपी सरकार से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। यह घटना मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में अगस्त 2019 में हुई थी। पुरानी घटना को अभी का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। उस समय कांग्रेस की सरकार थी।

  • By: Jyoti Kumari
  • Published: Sep 1, 2022 at 03:28 PM
  • Updated: Sep 1, 2022 at 04:19 PM

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है, “आदिवासी राष्ट्रपति होने के बाद भी एमपी में कुछ आदिवासियों के पानी मांगने पर वहां की पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती पेशाब पिला दिया।” सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स इस दावे को सच मानते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। ये घटना मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में अगस्त 2019 में हुई थी। पुरानी घटना को अभी का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘T S Yadav Obc’ ने हिंदी अखबार की क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसकी हेडलाइन है, ”पानी मांगा तो पांच आदिवासियों को जबरन पेशाब पिलाया। ”

न्यूजपेपर की कटिंग में लिखा है कि मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में पुलिस द्वारा कथित रूप से पांच आदिवासी युवकों को जबरन पेशाब पिलाए जाने का मामला सामने आया है। घटना जिले के नानपुर पुलिस थाने की बताई जा रही है। मामला सामने आने के बाद थाने के इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले अखबार की खबर में इस्तेमाल की गई हेडिंग को कीवर्ड बनाकर गूगल में सर्च करना शुरू किया। कीवर्ड से सर्च करने पर हमें कई जगह संबंधित खबर मिलीं। satyagrah.scroll.in की वेबसाइट पर 13 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, आरोपित पुलिसकर्मियों ने हिरासत में रखे गए पांचों आदिवासी युवकों पर पहले हमला बोला और जब पीड़ितों ने उनसे पानी मांगा तो उन्हें पेशाब पीने पर मजबूर किया।

सर्च में हमें इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर भी वायरल दावे से जुड़ी खबर मिली। 13 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर में बताया गया, “मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के नानपुर थाने के प्रभारी सहित चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। आरोप है कि उन्होंने हिरासत में पांच युवा आदिवासी पुरुषों के साथ मारपीट की और पूछने पर उन्हें पेशाब पिलाया।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

thewirehindi.com की वेबसाइट पर भी वायरल दावे से जुड़ी खबर को पढ़ा जा सकता है। आपको बता दें की जिस समय यह घटना हुई थी, तब कांग्रेस की सरकार थी और वहां के मुख्यमंत्री कमलनाथ थे।

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज़ ने मध्य प्रदेश राज्य के नईदुनिया के ब्यूरो प्रमुख धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल घटना पुरानी है। वर्तमान सरकार से इसका कोई संबंध नहीं है। उस समय कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी।

पड़ताल के अंत में हमने इस पुरानी घटना को अभी का बताकर शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच से पता चला कि यूजर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है। यूज़र को 2,258 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। यह घटना मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में अगस्त 2019 में हुई थी। पुरानी घटना को अभी का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। उस समय कांग्रेस की सरकार थी।

  • Claim Review : आदिवासी राष्ट्रपति होने के बाद भी एमपी में कुछ आदिवासियों के पानी मांगने पर वहां की पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती पेशाब पिला दिया।
  • Claimed By : T S Yadav Obc
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