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Fact Check: वीडियो में जज से बहस कर रहे वकील का नाम गयासुद्दीन नहीं है, फर्जी दावा हो रहा है वायरल

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है। वीडियो में दिख रहे वकील का नाम गयासुद्दीन नहीं, बल्कि गुड्डा सिंह उद्दे था।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Sep 23, 2024 at 04:47 PM
  • Updated: Sep 23, 2024 at 05:11 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक वकील और कोर्ट के जज के बीच बहस होती देखी जा सकती है। मामला बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की आदिवासी इलाकों में कथा होने पर रोक लगाने की अर्जी का था। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि बहस करते वकील का नाम गयासुद्दीन है। पोस्ट के जरिये इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो में दिख रहे वकील का नाम गयासुद्दीन नहीं, बल्कि गुड्डा सिंह उद्दे है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर “Yashpal Singh” नाम की यूज़र ने 22 सितम्बर को एक वीडियो अपलोड किया और साथ में लिखा “जबलपुर हाईकोर्ट में बाबा बागेश्वर कि कथा पर रोक लगाने की जनहित याचिका दायर की अधिवक्ता गयासुद्दीन ने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन से आदिवासी समुदाय की भावनायें आहत होती हैं गयासुद्दीन ने अत्यंत हिंसक अभद्रतापूर्ण भाषाशैली से माननीय न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल जी से बात की। जिहादी कोर्ट को भी धमकाकर आतंकित करना चाहते हैं।”

पड़ताल

वीडियो की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। गूगल ओपन सर्च से ढूंढ़ने पर हमें वायरल वीडियो का पूरा वर्जन नवभारत टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर 23 मई 2023 को अपलोड मिला। इस वीडियो में 2 मिनट 42 सेकंड पर जज वकील से उनका नाम पूछते  हैं, जिसपर वकील जवाब देते हैं “जी एस उद्दे।”

कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें इस मामले पर और खबरें मिलीं। मई 2023 की ख़बरों के अनुसार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बागेश्वर सरकार की कथा पर सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल और एक वकील के बीच तीखी बहस हुई थी। जस्टिस ने वकील के असंतोषजनक जवाबों और व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि वह उसकी वकालत खत्म कर देंगे और जेल भेजने की चेतावनी भी दी। वकील ने आदिवासी समाज की ओर से याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि बागेश्वर सरकार की कथा से समुदाय में भेदभाव हो रहा है। कोर्ट ने याचिका को रद्द करते हुए वकील को सही तरीके से तर्क प्रस्तुत करने की सलाह दी थी।

एमपी हाई कोर्ट पर एडवोकेट्स की लिस्ट ढूंढ़ने पर हमें एडवोकेट जी एस उद्दे के बारे में और डिटेल्स मिलीं। इनका पूरा नाम है-  गुड्डा सिंह उद्दे।

हमने इस मामले को लेकर एडवोकेट जी एस उद्दे से भी बात की। उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे वकील वे ही हैं और उनका पूरा नाम गुड्डा सिंह उद्दे है।

हमने  इस मामले में नईदुनिया के लिए लीगल बीत कवर करने वाले सीनियर रिपोर्टर सुरेन्द्र दुबे से बात की। उन्होंने कहा ” मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मई 2023 में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर आपत्ति विषयक याचिका की सुनवाई की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गुड्डा सिंह उद्दे ने बहस के दौरान आदिवासियों की आस्था से जुड़े स्थल पर आयोजन को रोके जाने की मांग की थी। अधिवक्ता की भाषा से नाराज होकर न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कड़ी फटकार लगाई थी। अवमानना कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। अंततोगत्वा याचिका तल्ख टिप्पणी सहित निरस्त कर दी गई थी।”

अब हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Yashpal Singh के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि यूजर को 5000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं। यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है। वीडियो में दिख रहे वकील का नाम गयासुद्दीन नहीं, बल्कि गुड्डा सिंह उद्दे था।

  • Claim Review : वीडियो में जज से बहस कर रहे वकील का नाम गयासुद्दीन है
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  • Fact Check : झूठ
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