असम के नाम पर वायरल हो रही सांप्रदायिक पोस्ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई। विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि ऐसी कोई भी घटना असम में नहीं हुई है। फ्रीज में युवती के शव वाली तस्वीर पिछले कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद है। इंटरनेट पर सबसे पुरानी तस्वीर ब्राजील के नाम से मौजूद है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के चर्चित श्रद्धा मर्डर केस के बाद से ही सोशल मीडिया में कई फर्जी और सांप्रदायिक पोस्ट वायरल हो रही हैं। अब एक तस्वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम में एक मुस्लिम शख्स ने हिंदू लड़की का रेप करवा कर उसकी फ्रिज में बंद करके हत्या कर दी। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। जिस तस्वीर को असम की बताकर वायरल किया जा रहा है, वह विदेश की है। इसका असम से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर रोहतास श्रीवास्तव ने 8 दिसंबर को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया, ‘असम में एक और श्रद्धा हुई फ्रीज में पैक…लिव इन रिलेशनशिप में रह रही काजल को गफ्फार मियाँ ने पहले तो 7 मुस्लिम लड़कों से रेप करवाया फिर जिंदा ही बेहोशी की हालत में फ्रीज में पैक कर दिया…जिससे ठंड से उसकी मौत हो गई हैवानियत की हद तो उस समय पार हो गई जब गफ्फार मियां और उसके साथी 8 दिन से रोज फ्रीज से लडकी के शव को निकालकर मरी हुई के साथ रेप करते थे बाद में फिर से फ्रीज में पैक कर देते थे…।’
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट को सच-समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल दो हिस्सों में की। सबसे पहले हमें यह जानना था कि क्या वाकई में असम में ऐसा कोई हादसा हुआ है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है। गूगल सर्च के दौरान हमें ऐसी खबरें नहीं मिलीं। यदि ऐसी घटना हुई होती तो यह जरूर खबरों में आती।
अब बारी थी वायरल पोस्ट के साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर की सच्चाई जानने की। गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल में इस तस्वीर को अपलोड करके खोजने पर यह तस्वीर हमें 2021 और 2010 की खबरों में मिलीं। याहू न्यूज ने 2021 में एक खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इसे वेनेजुएला का बताया।
इसी तरह एक ब्लॉग में इस तस्वीर को 2010 में इस्तेमाल किया गया। इसमें बताया गया कि ब्राजील के ग्रेटर साओ पाउलों में एक शख्स ने अपनी पत्नी की हत्या करके उसके शरीर को फ्रीजर में रख दिया।
असम पुलिस की ओर से भी वायरल पोस्ट का खंडन करते हुए एक पोस्ट सोशल मीडिया में जारी किया गया। इसे आप नीचे देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए असम के ईस्ट मोजो के पत्रकार चंदन बोरगोहेन से संपर्क किया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि असम में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है और न ही वायरल तस्वीर का असम से कोई संबंध है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर रोहतास श्रीवास्तव के 1900 से फॉलोअर हैं। यूजर गोरखपुर के रहने वाले हैं। यह अकाउंट अक्टूबर 2009 में बनाया गया।
निष्कर्ष: असम के नाम पर वायरल हो रही सांप्रदायिक पोस्ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई। विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि ऐसी कोई भी घटना असम में नहीं हुई है। फ्रीज में युवती के शव वाली तस्वीर पिछले कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद है। इंटरनेट पर सबसे पुरानी तस्वीर ब्राजील के नाम से मौजूद है।
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