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Fact Check: ‘सुन्नी मुसलमानों की मजलिस’ नाम से वायरल हो रहा पत्र फर्जी है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ‘सुन्नी मुसलामनों की मजलिस’ (दुबई) के नाम से वायरल किया जा रहा पत्र फर्जी है। इस पत्र में इस्तेमाल किये गए फ़ोन नंबर दुबई के एक कैफ़े का है और दफ्तर का पता पाकिस्तान की दुबई काउंसलेट का है। फर्जी पत्र को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

  • By: Umam Noor
  • Published: May 10, 2024 at 05:24 PM
  • Updated: May 14, 2024 at 11:06 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा इलेक्शन के दौरान सोशल मीडिया पर कथित संगठन ‘सुन्नी मुसलमानों की मजलिस’ (दुबई) के हवाले से एक पत्र वायरल हो रहा है। पत्र में भारत में चल रही लोकसभा चुनाव की वोटिंग के संदर्भ  में लिखा है कि भारतीय चुनावों में भाग लेने वाले मुसलमानों के लिए टिकट बुकिंग से लेकर पूरी आर्थिक मदद की जाएगी, ताकि बीजेपी की सरकार को हटाया जा सके।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ‘सुन्नी मुसलामनों की मजलिस’ (दुबई) के नाम से वायरल किया जा रहा पत्र फर्जी है। इस पत्र में इस्तेमाल किये गए फ़ोन नंबर दुबई के एक कैफ़े का है और दफ्तर का पता पाकिस्तान की दुबई काउंसलेट का है। फर्जी पत्र को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल किये जा रहे पत्र में लिखा है, ‘ASSOCIATION OF SUNNI MUSLIMS. Date: 29-04-2024. The Association of Sunni Muslims (Dubai) announces full financial support, including ticket booking and reimbursement for already booked tickets, for Muslims participating in the Indian elections on May 7 in Karnataka and other states. The objective is to defeat fascist forces and restore the Indian National Congress, which is a true friend of Muslims, to power in these elections.’

हिंदी अनुवाद- ”एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम्स। दिनांक: 29-04-2024. एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई) ने कर्नाटक और अन्य राज्यों में 7 मई को भारतीय चुनावों में भाग लेने वाले मुसलमानों के लिए टिकट बुकिंग और पहले से बुक किए गए टिकटों की प्रतिपूर्ति सहित पूर्ण वित्तीय सहायता की घोषणा की है। इसका उद्देश्य फासीवादी ताकतों को हराना और इन चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को सत्ता में बहाल करना है, जो मुसलमानों की सच्ची साथी है।’

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल पर ‘एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई)’ सर्च किया। सर्च में हमें इस नाम का कोई भी दुबई में मौजूद संगठन नहीं मिला। और ना ही इस नाम का कोई वेरिफाइड अकाउंट मिला। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल पत्र में एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई) के पते को गूगल पर सर्च किया। सर्च में हमें यह पता दुबई में मौजूद पाकिस्तान काउंसलेट  का मिला।

यहां पर साफ देखा जा सकता है कि एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई) के नाम पर पाकिस्तान काउंसलेट  के पते का इस्तेमाल किया गया है, यानी वायरल पत्र में फर्जी पता मेंशन है।

आगे की पड़ताल में हमने वायरल किये जा रहे पत्र में दिए गए सबसे पहले फ़ोन नंबर से संपर्क साधा। वहां से मिले जवाब के मुताबिक, यह दुबई में चलने वाला कैफ़े का  नंबर है। वहीं, वायरल पोस्ट के बारे में उनका कहना था, ”भारतीय आम चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की वित्तीय सहायता करने में सुन्नी मुस्लिम एसोसिएशन की कथित भागीदारी के दावे के संबंध में मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मैं सुन्नी मुस्लिम एसोसिएशन या दावे में उल्लिखित संगठन से संबद्ध नहीं हूं। इस मामले से मेरा कोई संबंध नहीं है।” हमारे साथ उन्होंने कैफ़े की वेबसाइट तथा सोशल मीडिया हैंडल भी साझा किया ।

अबतक पड़ताल से यह तो साफ था कि वायरल पत्र में पता और फ़ोन नंबर दोनों ही गलत इस्तेमाल किये गए हैं। हालांकि, अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने बाकी के दोनों नंबरों से संपर्क साधने की कोशिश की। वहां से जवाब आने पर खबर को अपडेट किया जाएगा।

वायरल पोस्ट से जुड़ी  पुष्टि के लिए हमने यूनाइटेड अरब अमीरात  की पत्रकार और फैक्ट चेकर सान्या अजीज से संपर्क किया और वायरल पोस्ट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है, गैर-यूएई नागरिकों के लिए यहां धार्मिक-आधारित संगठन बनाना बहुत मुश्किल है। अगर उन्हें इजाज़त मिल भी जाए तो उन्हें इस तरह से राजनीतिक बयान जारी करने की इजाज़त नहीं होती है। और इस पत्र में दिया गया पता दुबई के पाकिस्तान काउंसलेट  का है, किसी धार्मिक संगठन का नहीं।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर की तरफ से विचारधारा विशेष से जुड़ी पोस्ट शेयर की जाती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ‘सुन्नी मुसलामनों की मजलिस’ (दुबई) के नाम से वायरल किया जा रहा पत्र फर्जी है। इस पत्र में इस्तेमाल किये गए फ़ोन नंबर दुबई के एक कैफ़े का है और दफ्तर का पता पाकिस्तान की दुबई काउंसलेट का है। फर्जी पत्र को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

  • Claim Review : बीजेपी की सरकार को हटाने के लिए 'सुन्नी मुसलमानों की मजलिस (दुबई) ने पत्र जारी किया।
  • Claimed By : FB User- Kartik Kunjapur
  • Fact Check : झूठ
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